बुध दोष है आपकी तरक्की में रुकावट? ऐसे करे समाधान!
भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का अत्यधिक महत्व होता है। हर ग्रह का मानव जीवन पर विशिष्ट प्रभाव पड़ता है। इन्हीं ग्रहों में एक प्रमुख ग्रह है *बुध*, जो बुद्धिमत्ता, वाणी, व्यापार, गणित, लेखन, संचार, तर्क और शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। जब कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में होता है या अन्य अशुभ ग्रहों के साथ स्थित होता है, तो इसे ही *बुध दोष* कहा जाता है!यह दोष व्यक्ति के जीवन के कई क्षेत्रों में समस्याएं उत्पन्न करता है, विशेष रूप से बुद्धि, निर्णय क्षमता, संचार, और आर्थिक तरक्की में रुकावटें पैदा करता है!
आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में विस्तार से बताने जा रहे है कि बुध दोष क्या होता है, यह कैसे बनता है, इसके क्या प्रभाव होते हैं, और यह तरक्की में कैसे बाधा डालता है!
बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक का ग्रह है और ज्योतिष में इसे एक तटस्थ ग्रह माना गया है! यह जिस ग्रह के साथ होता है, उसी की प्रवृत्तियों को ग्रहण करता है! बुध का बलशाली और शुभ स्थिति में होना व्यक्ति को अत्यंत बुद्धिमान, चतुर, तार्किक और सफल बनाता है!
**बुध ग्रह से जुड़े प्रमुख गुण:**
* वाणी और संचार कौशल
* बुद्धिमत्ता और स्मरण शक्ति
* व्यापार में चतुराई
* लेखन, गणना और विश्लेषण क्षमता
* गणित, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में रुचि
जब यह ग्रह अशुभ हो या दोषयुक्त हो जाए, तो इन सभी क्षेत्रों में व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है!
**बुध दोष क्या है?**
जब बुध ग्रह किसी जन्मकुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, जैसे कि:
* अशुभ भावों में स्थित हो (जैसे 6, 8, 12 भाव),
* शत्रु ग्रहों के साथ युति हो (जैसे राहु, केतु, शनि, मंगल),
* अस्त हो (Combust),
* पाप ग्रहों की दृष्टि में हो,
तो उस स्थिति को *बुध दोष* कहा जाता है!
कई बार राहु या केतु के साथ बुध की युति को **बुध-राहु दोष* या *पिशाच योग* कहा जाता है, जो व्यक्ति की बुद्धि को भ्रमित कर देता है और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है!
*बुध दोष के लक्षण*
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध दोष होता है, तो उसके जीवन में निम्न प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
व्यक्ति को बोलने में झिझक या हकलाहट होती है!
निर्णय लेने में असमर्थता होती हैं!सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाता!
पढ़ाई में मन नहीं लगता या बार-बार असफलता मिलती है! व्यक्ति के विचार बार-बार बदलते हैं, कोई भी बात स्थायी नहीं रहती! व्यापार या नौकरी में नुकसान, धोखा या धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है! अक्सर झूठ बोलना या बातों को घुमा-फिराकर कहना!
विशेषकर लेखन कार्य में कठिनाई होना,
संबंधों में गलतफहमी बढ़ जाती है बातों को सही से ना समझना और गलतफहमियों का बढ़ना!
**बुध दोष क्यों बनता है?**
बुध दोष बनने के कई ज्योतिषीय कारण हो सकते हैं जैसे कि;
* जन्म के समय बुध की नीच राशि (मीन) में स्थिति!
* शत्रु ग्रहों (जैसे राहु, केतु, शनि) की युति या दृष्टि!
* बुध का अस्त होना यानी सूर्य के अत्यधिक निकट होने के कारण प्रभावहीन हो जाना!
* बुध पर पाप ग्रहों की दृष्टि (विशेषकर 3, 5, 7, 9 दृष्टि)!
* बुध का 6, 8 या 12 भाव में स्थित होना!
**बुध दोष के प्रभाव को कैसे पहचाने?
यदि नीचे दिए गए लक्षण नियमित रूप से जीवन में दिखाई दें, तो संभवतः आपकी कुंडली में बुध दोष हो सकता है:
* निर्णय में भ्रम
* बार-बार गलत निर्णय लेना
* भाषा या बोलने में दिक्कत
* व्यापार में लगातार हानि
* नौकरी में प्रमोशन ना मिलना
* प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता
बुध दोष एक ऐसा ग्रह दोष है जो सीधे तौर पर व्यक्ति की बुद्धि, वाणी और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है! यही कारण है कि यह व्यक्ति के व्यक्तित्व,करियर, शिक्षा, और सामाजिक जीवन में रुकावटें उत्पन्न करता है।!यदि समय रहते इसका निदान और उपाय किए जाएं, तो न केवल इससे राहत पाई जा सकती है बल्कि जीवन में नई दिशा और सफलता की ओर बढ़ा जा सकता है!
**बुध दोष और करियर में रुकावट**
बुध दोष का व्यक्ति के करियर पर गहरा असर पड़ता है, क्योंकि बुध ग्रह बुद्धि और तर्क का कारक है! यह व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है! इसके कारण जान लेते हैं;
1. **गलत निर्णय – व्यक्ति करियर में गलत फैसले लेता है जिससे नुकसान होता है!
2. **संचार की विफलता – बॉस, सहकर्मी या ग्राहक से गलतफहमियां उत्पन्न होती हैं!
3. **धोखाधड़ी का शिकार – व्यापार में साझेदार द्वारा धोखा मिल सकता है!
4. **काम में चंचलता – कोई भी कार्य लगातार करने में मन नहीं लगता!
5. **लिखित परीक्षा में विफलता – प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता मिलती है!
**बुध दोष और शिक्षा में रुकावट**
बुध दोष से शिक्षा क्षेत्र में भी बाधाएं आती हैं:
* स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है!
* विषयों में रुचि नहीं बनती!
* बार-बार एक ही कक्षा में फेल होना!
* परीक्षा में घबराहट या तनाव!
* पढ़ाई के समय मन का भटकाव!
**बुध दोष और मानसिक स्थिति**
बुध का संबंध मानसिक स्थिरता से है। जब यह दोषी होता है, तो व्यक्ति जल्दी भ्रमित हो जाता है! निर्णय लेने में डर लगता है! विचारों में अनावश्यक उलझन रहती है!
कभी-कभी व्यक्ति झूठ बोलने की आदत से ग्रसित हो जाता है!
**बुध दोष और सामाजिक जीवन**
बुध दोष से सामाजिक जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है:
* संचार में दोष होने के कारण रिश्तों में दूरियां आती हैं!
* बातों को तोड़-मरोड़कर कहने की प्रवृत्ति!
* गलतफहमियों से मित्रता और रिश्तेदारी में दरारें पड़ सकती हैं!
**बुध दोष के उपाय (निवारण)**
ज्योतिष में बुध दोष से निपटने के कई उपाय बताए गए हैं! इन्हें श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से लाभ मिल सकता है!
** बुध ग्रह की पूजा:**
* बुधवार के दिन हरे वस्त्र पहनें!
* गणपति और विष्णु की पूजा करें!
* “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें!
**दान करें:**
* हरे मूंग, हरी सब्जियां, हरा वस्त्र, कांस्य पात्र, दूब (दूर्वा) – इनका दान करें!
* गरीब विद्यार्थियों को स्टेशनरी सामग्री (कॉपी, पेन, पेंसिल) दान करें!
* बुध ग्रह का व्रत:**
* बुधवार का व्रत करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें!
* रत्न धारण करें:*
* ज्योतिषाचार्य की सलाह से पन्ना (Emerald) धारण करें।! यह बुध को मजबूत करता है!
**ध्यान और योग:**
* मानसिक स्थिरता के लिए मेडिटेशन करें!
* अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे प्राणायाम अवश्य करें
**बुध दोष की शांति के लिए उपाय**
* हरे रंग का रूमाल हमेशा अपने पास रखें!
* बुधवार को गाय को हरी घास या हरा चारा खिलाएं!
* तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें!
* बुधवार को बच्चों को पठन सामग्री भेंट करें!
* गणेश जी को हर बुधवार दूर्वा और लड्डू का भोग लगाएं !
* दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से बुध शांत होता हैं और आपको इसके अच्छे फल मिलते हैं!