Guru purnima: हर माह में एक बार पूर्णिमा का दिन आता है| लेकिन आषाढ़ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता हैं| आज ओमाँश एस्ट्रोलॉजी के पाठको के लिए बेहद खास जानकारी लेकर प्रस्तुत है| गुरु पूर्णिमा के दिन का बहुत महत्व है| इस दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति अपने…
Read Moreराहु केतु के उपाय,जीवन में सफलता ही सफलता वैदिक ज्योतिष में राहु केतु को छाया ग्रह माना जाता है| कुंडली में राहु केतु की स्थिति सही ना हो तो जीवन में परेशानी बढ़ती चली जाती है| कोई न कोई समस्या बनी रहती हैं| एक परेशानी दूर होती है तो दूसरी समस्या उत्पन्न हो जाती हैं|…
Read Moreजगाएं सोया हुआ भाग्य गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है| साथ ही गुरु ग्रह को समर्पित है| इस दिन कुछ खास उपाय करके व्यक्ति इस जगत के पालनहार श्री हरी की कृपा प्राप्त कर सकता है| हल्दी भगवान श्री हरी को बेहद प्रिय है| आज ओमाँश एस्ट्रोलॉजी अपने पाठको के…
Read MoreFriday Astroligical remedies: जैसा की हम सब जानते है शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है| मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हम कई प्रकार के उपाय करते है| तो आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने पाठको के लिए कुछ शुक्र से सम्बन्धित विशेष जानकारी ओर उपाय लेकर प्रस्तुत है, जिनको करने से परेशानियों से…
Read Moreगुप्त नवरात्रि में चमत्कारी लाभ आषाढ़ माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई 2024 को आरम्भ हो रही है| आज ओमाँश एस्ट्रोलॉजी के पाठकों के लिए आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि के खास उपाय लेकर प्रस्तुत है| इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने से व्यक्ति को चमत्कारी रूप से सफलता मिलती है| तो आइए…
Read Moreबेलपत्र भगवान शिव को अतिप्रिय है| इसके तीन पत्तों में सत,रज, और तम तीनों गुणों का वास माना जाता है| वही यह भी कहा जाता है कि बेलपत्र के तीन पत्ते त्रिदेवों के साथ होने के प्रतीक है| बेल का यह महत्व यूं ही नहीं है| इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते है| साथ ही…
Read MoreNamak ke upay: हर व्यक्ति जीवन में सुख सुविधाओं की इच्छा रखता है| धन प्राप्ति की इच्छा भला किसको नही होती| इसके लिए व्यक्ति दिन रात मेहनत भी करता है फिर भी पर्याप्त मात्रा में धन प्राप्त नहीं कर पाता| इसके लिए ज्योतिष में समुद्री नमक से जुड़े कुछ उपाय बताए गए है| जिनको करने…
Read Moreअमावस्या हिंदू पंचांग के हिसाब से हर महीने में आने वाली कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है| अमावस्या तिथि का स्वामी पितृ देव को माना गया है इसीलिए इसे पितरों का दिन कहा जाता है| अमावस्या के पीछे का रहस्य यह होता है की इस दिन चंद्रमा अपनी क्षीणता के उच्चतम स्तर पर होता…
Read Moreअक्सर लोग राहु और केतु के नाम से डर जाते है| क्यूंकि राहु केतु के कारण ही कुंडली में कई प्रकार के दोष उत्पन्न होते है| कालसर्प दोष या कुंडली में ग्रहण दोष हो या पितृदोष हो, अधिकतर इन दोषों के पीछे राहु केतु होते है| आज ओमाँश एस्ट्रोलॉजी के पाठको को राहु केतु के…
Read Moreवैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि की साढ़ेसाती या ढैया क्या होती है, कितने वर्ष की होती है और क्या प्रभाव व्यक्ति के जीवन में पड़ते है, आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी के पाठको के लिए ये जानकारी लेकर प्रस्तुत है| शनि ग्रह नवग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है| यह एक राशि से दूसरी…
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