धनतेरस का पर्व न केवल भौतिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। इसे ‘धन त्रयोदशी’ भी कहते हैं। भगवान धन्वंतरि, जो कि आरोग्य के देवता माने जाते हैं, का अवतरण इसी दिन समुद्र मंथन से हुआ था। यही कारण है कि इस दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। धनतेरस पर किए गए उपाय व्यक्ति के जीवन में स्थायी रूप से संपत्ति और धन में वृद्धि करते हैं और परिवार में सुख-शांति बनाए रखते हैं|

धनतेरस पर लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायक होता है। इस दिन कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय करके जीवन में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि लाई जा सकती है। धनतेरस का पर्व हमारे जीवन में आर्थिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यदि श्रद्धा और विश्वास के साथ इस दिन पूजा और उपाय किए जाएं, तो इसका प्रभाव निश्चय ही सकारात्मक होता है।

धनतेरस का पर्व दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है और इस दिन को धन की देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए विशेष माना गया है। वर्ष 2024 में धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और संपत्ति की वृद्धि के लिए विभिन्न पूजा-अर्चना और ज्योतिषीय उपाय करते हैं। आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख से जानेंगे धनतेरस की तिथि, पूजा विधि, और ऐसे ज्योतिषीय उपाय जो इस दिन आपकी समृद्धि बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।

धनतेरस 2024: तिथि

धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है, और शुभ समय में पूजा करने से शुभ फल मिलता है। वर्ष 2024 में धनतेरस की तिथि इस प्रकार है:
– धनतेरस तिथि 29 अक्टूबर को है|

•शुभ मुहूर्त:
धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम 6.57 बजे से रात 8:21 बजे तक रहेगा। इसी समय में लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करनी चाहिए।

धनतेरस पूजा विधि:
इस दिन घर की सफाई का विशेष महत्व होता है। घर के प्रत्येक कोने को साफ करें ताकि घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके। खासकर मुख्य दरवाजे की सफाई पर ध्यान दें क्योंकि धनतेरस पर मां लक्ष्मी का आगमन वहीं से होता है। दरवाजे के बाहर रंगोली बनाएं और साथ ही दीप जलाएं। रंगोली मां लक्ष्मी का स्वागत करती है और सकारात्मकता लाती है।
लक्ष्मी जी और धन्वंतरि भगवान की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं और फूल, अगरबत्ती, धूप आदि से उनकी पूजा करें।
इस शुभ अवसर पर आभूषण, या चांदी के सिक्के खरीदना शुभ माना जाता है। इन्हें लक्ष्मी जी के सामने रखकर पूजा करें और फिर तिजोरी या अलमारी में स्थान दें। धन्वंतरि भगवान को आयुर्वेद और स्वास्थ्य का प्रतीक माना गया है। इस दिन उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ होता है। शुद्ध जल और तुलसी की पत्तियों से भगवान धन्वंतरि का अभिषेक करे| पूजा करते समय मन में संकल्प लें कि आपके घर में सदा सुख-शांति, स्वास्थ्य और धन की वृद्धि हो।
धनतेरस का दिन विशेष ज्योतिषीय उपायों के लिए अत्यंत शुभ होता है। इन उपायों को करके धन-संपत्ति और जीवन में समृद्धि लाई जा सकती है। यहां कुछ खास उपाय दिए गए हैं:

  • * धनतेरस के दिन चांदी का सिक्का खरीदें और लक्ष्मी पूजन में उसे शामिल करें। पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रखें। चांदी को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, और इससे धन वृद्धि के योग बनते हैं।
  • * कुबेर यंत्र को घर के पूजा स्थल पर स्थापित करें और उसकी पूजा करें। कुबेर यंत्र से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और घर में धन का ठहराव बना रहता है|
    * धनतेरस के दिन गाय को गुड़-चने खिलाना शुभ माना गया है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपके जीवन में आर्थिक लाभ के अवसर बढ़ते हैं।
  • * एक साफ कपड़े में 11 अक्षत (चावल के दाने) लें और उन पर केसर का टीका लगाएं। फिर इसे अपनी तिजोरी या धन स्थान में रखें। यह उपाय धन वृद्धि में सहायक माना गया है।
  • * धनतेरस के दिन पीली कौड़ी (शंख) खरीदकर लक्ष्मी जी की पूजा के समय इसे उनके चरणों में अर्पित करें और पूजा के बाद अपनी तिजोरी में रखें। पीली कौड़ी को धन की वृद्धि के लिए शुभ माना गया है।
  • * पूजा के समय घर में कपूर जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। कपूर का धुआं धन लाभ और समृद्धि लाने वाला होता है।
  • * इस दिन भगवान धन्वंतरि को तुलसी के पत्ते अर्पित करें। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोगों से रक्षा होती है।
  • * इस दिन सात प्रकार के अनाज (जैसे गेहूं, चावल, दाल, जौ, बाजरा, मक्का और चना) का दान करें। इससे आर्थिक संकट दूर होता है और दरिद्रता समाप्त होती है।

धनतेरस पर क्या न करें?

धनतेरस पर जहां बहुत सारे शुभ कार्य करने की मान्यता है, वहीं कुछ कार्यों से बचना भी जरूरी है:
– इस दिन कर्ज लेना अशुभ माना गया है। अगर संभव हो तो इस दिन कोई ऋण न लें। धनतेरस पर अनावश्यक खर्च करने से भी बचना चाहिए। इसका कारण यह है कि फिजूल खर्च करने से लक्ष्मी का अस्थायी लाभ मिल सकता है।
– लोहे का सामान खरीदना इस दिन अशुभ माना गया है। इसकी जगह सोना, चांदी या पीतल के बर्तन खरीदें।

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