Diwali 2025: दिवाली 2025 में कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पौराणिक कथा और उपाय!

 

**दिवाली 2025: शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, कथा और ज्योतिषीय महत्व**

 

दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे प्रमुख और भव्य त्योहार है। यह अंधकार से प्रकाश, अज्ञानता से ज्ञान और बुराई से अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह पर्व मुख्य रूप से कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है और पांच दिनों तक चलता है। आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में दिवाली 2025 से जुड़ी अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है! आप जानेंगे कि दिवाली 2025 में कब है, पूजा विधि, तिथि ,शुभ मुहूर्त और साथ ही जानेंगे पौराणिक कथा और इस दिन पर किए जाने वाले उपायों के बारे में!

 

**दिवाली 2025 की तिथि व शुभ मुहूर्त;

**मुख्य तिथि:**

**21अक्टूबर 2025 (मंगलवार)**

**लक्ष्मी पूजन मुहूर्त:**

* **लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 3.44 PM से 05.56 pm तक!

इन शुभ कालों में पूजन करने से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है!

** दिवाली पूजन विधि;

दिवाली के दिन घर की साफ-सफाई, सजावट और दीपक जलाने के बाद सायंकाल के समय लक्ष्मी और गणेश की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। आइए जानते हैं चरणबद्ध विधि:

**स्नान व तैयारी:**

* उबटन लगाकर स्नान करें!

* नए या साफ वस्त्र धारण करें।

* पूजन स्थल को साफ कर, रंगोली बनाएं।

* पूजा के लिए चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।

**प्रतिमा स्थापना:**

* गणेशजी को पहले रखें, फिर लक्ष्मी माता को दाईं ओर।

* कलश स्थापित करें जिसमें जल, सुपारी, अक्षत, सिक्के, और आम के पत्ते रखें।

* लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र पर चांदी या सोने के सिक्के रखें।

**पूजन सामग्री:**

* रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, कपूर

* मिठाई (खीर, लड्डू, पेड़ा)

* सिक्के या नोट

* गन्ना, बताशा, फल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची

**पूजा क्रम:**

**दीप प्रज्वलित करें।**

**संकल्प लें।**

**गणेश पूजन करें , उन्हें दूर्वा अर्पित करें।

**लक्ष्मी पूजन करें, कमलगट्टा, चावल, मिठाई अर्पित करें।

**धन-कुबेर पूजन करें और तिजोरी/लेजर बही पूजन करें।

** 13 दीपक घर के कोनों में जलाएं (धन वृद्धि के लिए)।

** घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाएं, तोरण लगाएं।

**आरती करें, “जय लक्ष्मी माता”, “ओम जय जगदीश हरे”।

** दीप जलाएं,घर को रोशनी से सजाएं।

**दिवाली की पौराणिक कथा;

**रामायण से संबंधित कथा:**

त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने 14 वर्षों का वनवास पूरा कर रावण का वध किया। जब वे माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे, तो नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया! तभी से कार्तिक अमावस्या की रात दीप जलाने की परंपरा चली आ रही है। यह दीप ‘अंधकार पर प्रकाश की विजय’ के प्रतीक माने जाते हैं!

एक अन्य कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के समय लक्ष्मी माता प्रकट हुई थीं। उन्हें धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी माना गया। अमावस्या की रात उन्होंने भगवान विष्णु को पति रूप में चुना! तभी से इस दिन लक्ष्मी पूजन की परंपरा है!

**राजा बलि और विष्णु वामन अवतार:**

राजा बलि बहुत ही दानवीर और धर्मात्मा थे। उन्होंने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था! भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर तीन पग भूमि मांगी और तीनों लोकों को नाप लिया! बलि को पाताल में स्थान मिला और वचन मिला कि विष्णु उनके द्वारपाल बनेंगे! दक्षिण भारत में दिवाली इस कथा से भी जुड़ी हुई मानी जाती है!

 

**दिवाली का ज्योतिषीय महत्व;

**अमावस्या व चंद्र बल:**

दिवाली अमावस्या को मनाई जाती है, जब चंद्रमा नहीं दिखाई देता। चंद्रमा मन का प्रतीक है। अमावस्या की रात आत्ममंथन व नई शुरुआत का अवसर देती है! ऐसे में पूरी श्रद्धा के साथ जब आप मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करते है तो माता लक्ष्मी का स्थाई निवास होता हैं ! साथ ही विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है!

**महालक्ष्मी योग:**

यदि दिवाली के दिन किसी विशेष योग—जैसे धृति योग, शुभ योग या स्वाति नक्षत्र—का संयोग हो, तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। 2025 में भी **स्वाति नक्षत्र** रहेगा, जो व्यापार वृद्धि व लक्ष्मी कृपा के लिए उत्तम है।

. **धन प्राप्ति के लिए उपाय:**

* रात 12 बजे के बाद घर के ईशान कोण में दीपक जलाकर “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जप करें!

* गणेश जी को लड्डू का भोग लगाएं और आरती करें!

* श्रीयंत्र का पूजन करें!

* धन तिजोरी में कमलगट्टे की माला रखें!

* लक्ष्मी-कुबेर यंत्र की स्थापना करें!

*श्री सूक्तम का पाठ करें!

* मां लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाएं!

** दिवाली के 5 दिन और उनका महत्व;

1**धनतेरस (18 अक्टूबर 2025):**

इस दिन धन्वंतरि और यमराज की पूजा होती है। बर्तन, आभूषण या वाहन खरीदने की परंपरा है।

. 2**नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली (20 अक्टूबर 2025):**

इस दिन असुर नरकासुर का वध कर कृष्ण ने 16,000 कन्याओं को मुक्त किया था। इसे नरक से मुक्ति का दिन माना जाता है।

3**दिवाली लक्ष्मी पूजन (21 अक्टूबर 2025):**

संपूर्ण भारत में दीप जलाकर, लक्ष्मी पूजन करके यह पर्व मनाया जाता है!

4**गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर 2025):**

इस दिन कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र के क्रोध से ब्रजवासियों की रक्षा की थी!

5 **भाई दूज (23 अक्टूबर 2025):**

बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए तिलक करती हैं और भोजन कराती हैं।

**दिवाली पर ये करें;

* घर की साफ-सफाई व सजावट।

* दीपक पूर्व, उत्तर व ईशान दिशा में लगाएं।

* तुलसी पर दीप जलाएं।

* धन तिजोरी में चांदी का सिक्का रखें।

* गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।

 

** ❌ न करें:

* कर्ज न लें और न दें।

* झगड़ा, अपशब्द या कटु वचन से बचें।

* रात में रोशनी बंद न करें।

* झूठ बोलने या धोखा देने से बचें।

**दिवाली 2025** आध्यात्मिक शुद्धि, आर्थिक समृद्धि और पारिवारिक सौहार्द का पर्व है। यदि इसे श्रद्धा, विश्वास और संय

म के साथ मनाया जाए तो निश्चित ही जीवन में उजाला और सौभाग्य भर सकता है! आपके जीवन में भी सुख समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होगा!

 

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