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 घर में दरिद्रता आने के प्रमुख कारण:

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में दरिद्रता का आगमन कई ग्रहों की स्थिति, वास्तु दोष और कर्मों के परिणामस्वरूप हो सकता है। आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने पाठको के लिए दरिद्रता क्यों आपके घर में अपना स्थान बनाती है इसके कारण क्या है, ये आप जानेंगे साथ हे जानेंगे की इसे दूर करने के क्या अचूक उपाय हैं|घर में आर्थिक समस्याओं का कारण बनने वाले कुछ मुख्य ज्योतिषीय कारण निम्नलिखित हैं:

 

कुंडली में शनि, राहु और केतु की प्रतिकूल स्थिति व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता और बाधाओं का कारण बनती है। विशेष रूप से, यदि शनि और राहु दूसरे, ग्यारहवें या आठवें भाव में होते हैं, तो आर्थिक संकट बढ़ सकते हैं। शनि का कमजोर या नीच स्थिति में होना आर्थिक समस्याओं का मुख्य कारण हो सकता है।

घर में वास्तु दोष होने से भी दरिद्रता आती है। उदाहरण के लिए, उत्तर दिशा में कोई भारी वस्तु रखना या घर की उत्तर दिशा को बंद रखना धन की हानि कर सकता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में कुआं या गड्ढा होना भी आर्थिक समस्याओं को जन्म दे सकता है  कुंडली में पित्र दोष होना परिवार में दरिद्रता का एक प्रमुख कारण होता है। पित्र दोष तब होता है जब पूर्वजों की आत्माएं शांत नहीं होतीं या उनके साथ कोई अनुचित व्यवहार हुआ होता है। इस दोष के कारण परिवार में धन की कमी और रोगों का आगमन हो सकता है।

 

घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी दरिद्रता का कारण बनता है। अगर घर में साफ-सफाई की कमी होती है, अंधेरा रहता है, या गंदगी रहती है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जो आर्थिक रूप से परिवार को प्रभावित करती है। घर के लोग सुबह देर तक सोते है| घर में चादरें या वस्त्र फटे होते है वहां बड़ी आसानी से दरिद्रता वास करती है क्योंकि फटे वस्त्रों या देर तक सोने के कारण शुक्र प्रभावित होता हैं|

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पिछले जन्म के कर्मों का भी प्रभाव इस जन्म की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। यदि व्यक्ति ने पिछले जन्म में धन या संपत्ति का दुरुपयोग किया हो, तो इस जन्म में उसे दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है।

 

दरिद्रता दूर करने के उपाय:

ज्योतिष शास्त्र में दरिद्रता को दूर करने के कई उपाय बताए गए हैं। ये उपाय ग्रहों की स्थिति को सुधारने, वास्तु दोष को ठीक करने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किए जाते हैं। कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं:

 

 

1. शनिदेव की पूजा:

शनि ग्रह की प्रतिकूल स्थिति से दरिद्रता आती है, इसलिए शनिदेव की पूजा करना बहुत ही लाभकारी होता है। शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर तेल का दान करना, शनि चालीसा का पाठ करना, और काले तिल, काले वस्त्र, और लोहे की वस्तुओं का दान करना दरिद्रता को दूर कर सकता है।

 

2. कुबेर और लक्ष्मी की पूजा:

धन के देवता कुबेर और धन की देवी लक्ष्मी की नियमित पूजा करने से घर में धन और समृद्धि आती है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। इसके साथ ही, घर के उत्तर दिशा में कुबेर यंत्र स्थापित करें और उसकी पूजा करें। इससे धन का आगमन होगा।

 

3. वास्तु दोष:

घर के वास्तु दोषों को सुधारने के लिए उत्तर दिशा को हमेशा साफ-सुथरा और हल्का रखें। घर में टूटी-फूटी चीजें, बंद घड़ियां, और फालतू सामान न रखें। दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी वस्तुएं रखने से घर में स्थिरता और धन बना रहता है। घर के मुख्य द्वार को साफ और सुंदर रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो।

4. पित्र दोष शांति:

पित्र दोष को दूर करने के लिए श्राद्ध कर्म और पिंडदान करना चाहिए। इसके अलावा, अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन और कपड़े दान करना पित्र दोष से मुक्ति दिला सकता है। पित्रों के लिए जल दान (तर्पण) नियमित रूप से करने से घर में आर्थिक समृद्धि आती है।

 

5. हनुमान जी की पूजा:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हनुमान जी की पूजा करने से राहु और केतु की प्रतिकूलता दूर होती है। हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में नारियल और लाल वस्त्र चढ़ाएं। इससे जीवन में दरिद्रता का नाश होगा।

 

6. गाय को चारा और भोजन दान:

हर दिन गाय को हरा चारा या रोटी खिलाने से भी दरिद्रता दूर होती है। इसके साथ ही, गरीबों को भोजन कराना और धार्मिक कार्यों में भाग लेना धन और समृद्धि का आशीर्वाद दिलाता है।

 

7. नकारात्मक ऊर्जा :

घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए नियमित रूप से धूप और कपूर का प्रयोग करें। घर के हर कोने में समय-समय पर गंगाजल का छिड़काव करें। घर में साफ-सफाई रखें और सुगंधित वातावरण बनाए रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सके।

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* रुद्राक्ष धारण करना:

ज्योतिष में रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। खासकर, पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना दरिद्रता को दूर करने में मदद करता है। इसे धारण करने से मन की शांति और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

 

* हर पूर्णिमा के दिन चंद्र को अर्घ्य देने से लाभ प्राप्त होगा|

 

 निष्कर्ष:

घर में दरिद्रता आने के ज्योतिषीय कारणों में मुख्य रूप से ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति, वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव शामिल होता है। इनसे मुक्ति पाने के लिए शनिदेव, लक्ष्मी-कुबेर की पूजा, वास्तु दोषों को सुधारना, पित्र दोष की शांति और हनुमान जी की उपासना करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही, नियमित रूप से दान-पुण्य और कर्मों में सुधार करने से भी घर में धन और समृद्धि का वास होता है।

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