वर्ष 2025 में देवगुरु बृहस्पति (गुरु) का गोचर ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण घटना है। गुरु के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर विभिन्न प्रभाव पड़ेगा। आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी में अपने इस लेख में गुरु गोचर 2025 से जुड़ी विस्तृत जानकारी लेकर प्रस्तुत है| आइए जानते हैं प्रत्येक राशि पर गुरु गोचर 2025 का संभावित प्रभाव:
**1. मेष राशि:
गुरु का गोचर आपकी कुंडली के तीसरे भाव में होगा, जो संचार, साहस और छोटी यात्राओं से संबंधित है। इस दौरान आपकी संवाद क्षमता में सुधार होगा और सामाजिक संपर्क बढ़ेंगे। भाई-बहनों के साथ संबंध मधुर होंगे। व्यापार में नए अवसर मिल सकते हैं, लेकिन आलस्य से बचना आवश्यक होगा।
*उपाय:* गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
**2. वृषभ राशि:
गुरु का गोचर आपके दूसरे भाव में होगा, जो धन, वाणी और परिवार से संबंधित है। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। आपकी वाणी में मधुरता आएगी, जिससे सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
**उपाय: गुरुवार को केले के वृक्ष में जल अर्पित करें और “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें।
**3. मिथुन राशि:
गुरु का गोचर आपके प्रथम भाव में होगा, जो व्यक्तित्व और स्वभाव से संबंधित है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और नए अवसर प्राप्त होंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा|
**उपाय: गुरुवार के दिन पीले चंदन का तिलक लगाएं और जरूरतमंदों को पीले वस्त्र दान करें।
**4. कर्क राशि:
गुरु का गोचर आपके द्वादश भाव में होगा, जो व्यय, आध्यात्मिकता और विदेश यात्राओं से संबंधित है। इस अवधि में आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी और विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। हालांकि, अनावश्यक खर्चों से बचना आवश्यक होगा
**उपाय: गुरुवार को पीले फूल भगवान विष्णु को अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
**5. सिंह राशि:
गुरु का गोचर आपके एकादश भाव में होगा, जो लाभ, इच्छाओं की पूर्ति और मित्रता से संबंधित है। आर्थिक लाभ के योग बनेंगे और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नए मित्र बनेंगे और पुराने मित्रों से संबंध मजबूत होंगे।
*उपाय:* गुरुवार को पीले मिठाई का दान करें और “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का जाप करें।
**6. कन्या राशि:
गुरु का गोचर आपके दशम भाव में होगा, जो करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित है। करियर में उन्नति के योग हैं और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। नए प्रोजेक्ट्स में सफलता मिलेगी।
*उपाय:* गुरुवार को पीले फल दान करें और “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें।
*7. तुला राशि:*
गुरु का गोचर आपके नवम भाव में होगा, जो भाग्य, धर्म और लंबी यात्राओं से संबंधित है। भाग्य का साथ मिलेगा और धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। लंबी यात्राओं के योग बनेंगे।
*उपाय:* गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु के मंदिर में सेवा करें।
**8. वृश्चिक राशि:
गुरु का गोचर आपके अष्टम भाव में होगा, जो आयु, रहस्य और परिवर्तन से संबंधित है। इस अवधि में अचानक धन लाभ के योग बन सकते हैं। आध्यात्मिकता में रुचि बढ़ेगी|
**उपाय: गुरुवार को पीले रंग के अनाज का दान करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
**9. धनु राशि:
गुरु का गोचर आपके सप्तम भाव में होगा, जो विवाह और साझेदारी से संबंधित है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति रहेगी और व्यापारिक साझेदारियों में लाभ होगा।
**उपाय: गुरुवार को पीले पुष्प भगवान विष्णु को अर्पित करें और “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र का जाप करें।
**10. मकर राशि:
गुरु का गोचर आपके षष्ठम भाव में होगा, जो रोग, ऋण और शत्रुओं से संबंधित है। स्वास्थ्य में सुधार होगा और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। ऋण से मुक्ति के योग बनेंगे।
**उपाय: गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें और जरूरतमंदों को चने की दाल दान करें।
**11. कुंभ राशि:
गुरु का गोचर आपके पंचम भाव में होगा, जो शिक्षा, संतान और प्रेम संबंधों से संबंधित है। छात्रों के लिए यह समय शुभ रहेगा और संतान से सुख मिलेगा। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी|
**उपाय: गुरुवार को पीले मिठाई का दान करें और “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें।
**12. मीन राशि:
गुरु का गोचर आपके चतुर्थ भाव में होगा, जो माता, संपत्ति और सुख से संबंधित है। परिवार में सुख-शांति रहेगी और संपत्ति से संबंधित मामलों में लाभ होगा|
उपाय: गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु को बेसन के लड्डू का हर गुरुवार भोग लगाए|