अक्सर लोग राहु और केतु के नाम से डर जाते है| क्यूंकि राहु केतु के कारण ही कुंडली में कई प्रकार के दोष उत्पन्न होते है| कालसर्प दोष या कुंडली में ग्रहण दोष हो या पितृदोष हो, अधिकतर इन दोषों के पीछे राहु केतु होते है|
आज ओमाँश एस्ट्रोलॉजी के पाठको को राहु केतु के दुष्प्रभाव को दूर करने के चमत्कारी उपाय बताने जा रहे हैं| आप कुंडली में राहु केतु किस स्थान पर स्थित है| उस भाव का उपाय करके इन दोनो ग्रहों के बुरे प्रभावों से मुक्त हो सकते है| इससे पहले जान लें कि राहु केतु आपके जीवन में किस प्रकार का प्रभाव डालते है|
राहु का नकरात्मक प्रभाव:
अचानक घटनाओं के घटने के योग राहु के कारण होते है| राहु भ्रम की स्थिति पैदा करता है, व्यक्ति को भ्रमित करके गलत फैसले कराता है| छाती से ऊपर का हिस्सा राहु की पकड़ में होता है| व्यक्ति को चेहरे और सिर में जकड़न होती है| व्यक्ति को भयभीत करने वाले स्वप्न आते है, अनजाना भय मन में घर कर जाता है| दिमाग तनाव से ग्रसित होता है| जिससे व्यक्ति के स्वभाव में बदलाव होते है, व्यक्ति चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाता है|
बेकार के शत्रु पैदा हो जाते है| सिर में चोट लगना भी अशुभ राहु की निशानी है|
राहु का सकारात्मक प्रभाव:
य्यक्ति दौलतमंद होगा| कल्पनाशक्ति तेज होगी| राहु यदि कुंडली में अच्छी स्थिति में है तो व्यक्ति श्रेष्ठ साहित्यकार, वैज्ञानिक, दार्शनिक या रहस्यमय विद्याओं में रुचि रखता है|
केतु का नकरानक प्रभाव:
संसार में दो तरह के केतु होते हैं| पहला कुत्ता जो घर की रखवाली करता है दूसरा चूहा हो घर को खोखला करता है| इस तरह के मित्र और रिश्तेदार भी होते है| घर में चूहे अधिक मात्रा हो तो इसे केतु का प्रभाव माना जाता है| केतु रात की नींद उड़ा देता है| पेशाब से संबंधित से सबंधित, जोड़ो का दर्द, संतान उत्पत्ति में रुकावट और गृह क्लेश उत्पन होते है| अचानक धोखा मिलंता है| अचानक रिश्ते टूट जाते है|
केतु का सकारात्मक प्रभाव:
केतु का शुभ होना अर्थात पद प्रतिष्ठा, संतानों का सुख प्राप्त कराता है| अच्छा केतु दुकान या वाहन पर ध्वज के समान होता है| व्यक्ति का रुतबा बढ़ता है|
राहु के उपाय: ससुराल पक्ष का कारक है, ससुराल से रिश्ते अच्छे स्थापित करें| सिर पर चोटी रखना, माथे पर चंदन का तिलक, भोजन कक्ष में ही भोजन करना राहु का उपाय है| घर में ठोस चांदी का हाथी रखे| मां सरस्वती का चित्र लगा कर मां सरस्वती की आराधना करे| गुरु के उपाय करते रहे|
केतु का उपाय: संताने केतु है| इसीलिए संतानों से रिश्ते अच्छे रखें उन्हें समझने का प्रयास करें| भगवान गणेश को हर बुधवार के दिन दुर्वा चढ़ाए, गणेश चालीसा का नित्य पाठ करे| दोरंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं| कान छिदवाए|
आगे जानते है राहु केतु के कौन से भाव में स्थित होकर क्या फल प्राप्त होते है|
1.राहु प्रथम भाव और केतु का सप्तम भाव में होने का उपाय: चांदी की ठोस गोली अपने पास रखे|
2.राहु दूसरे भाव में हो आठवें भाव में केतु हो तो दोरंगा कंबल दान करें|
3. तीसरे भाव में राहु और नवम भाव में केतु हो तो सोना धारण करें| चने की दाल पानी में बहाएं|
4. चौथे भाव में राहु और दशम भाव में केतु हो तो चांदी कि डिब्बी में शहद भर कर दबाएं|
5.पांचवे भाव में राहु और ग्यारवे में केतु हो तो चांदी का ठोस हाथी घर पर रखे|
6. छठे भाव में राहु हो बारहवें भाव में केतु हो तो बहन की सेवा करे और ताजे फूल अपने पास रखें|
7. सातवे भाव में राहु और पहले भाव में केतु हो तो लोहे की गोली पर लाल रंग करके अपने पास रखे|
8. अष्टम में राहु और दूसरे में केतु हो तो आठ ग्राम के सिक्के के आठ टुकड़े करके एक साथ बहते पानी में प्रवाहित करें|
9. नवम में राहु और केतु तीसरे में हो तो छोटी सी चांदी की ईंट घर में रखे|
10. दशम में राहु और चतुर्थ भाव में केतु हो तो पीतल के बर्तन में बहती नदी का जल भर रखे और उस पर चांदी का ढक्कन लगाएं|
11. ग्यारवें भाव में राहु और पांचवे भाव में केतु हो तो 400 ग्राम सिक्के के 10 टुकड़े करा कर एक साथ जल प्रवाहित करें|
12. बारहवे भाव में राहु और छटे में केतु हो लाल थैली में सौंफ भर कर तकिए में रखें|