Sawan pradosh vrat 2025 : सावन माह में प्रदोष व्रत कब है? परेशानियां होंगी छूमंतर! जानिए खास उपाय!

 

 

 

 

 

 

 

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं! एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में! लेकिन सावन माह का प्रदोष व्रत विशेष फलदायी और शुभ माना जाता है! सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है और प्रदोष व्रत भी शिवजी की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है! जब ये दोनों एक साथ आते हैं, तो इसकी शक्ति और प्रभाव कई गुना बढ़ जाती है!

 

आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी के इस लेख में हम सावन माह में आने वाले प्रदोष व्रत के महत्व, पूजा विधि, ज्योतिषीय लाभ, व्रत करने के उपाय और इससे संबंधित खास उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे!

 

 

#सावन माह में प्रदोष व्रत का महत्व;

 

सावन का महीना स्वयं में शिव आराधना के लिए उत्तम माना जाता है! इस महीने में जल चढ़ाना, रुद्राभिषेक, शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष फलदायी होता है!

 

जब सावन में प्रदोष व्रत आता है, तो वह विशेष संयोग लेकर आता है! इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है, ग्रह दोष शांत होते हैं, और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि का आगमन होता है!

 

विशेष रूप से यह व्रत राहु, केतु, शनि और चंद्रमा के दोषों को शांत करने के लिए अत्यंत उपयोगी होता है!

 

 

 

#प्रदोष व्रत पूजा सामग्री: (सावन माह में)

 

*गंगाजल

*पंचामृत

*बेलपत्र

*धतूरा

*आक फूल

*दूध, दही, घी, शहद, शक्कर

*चंदन, अक्षत, सफेद फूल

*दीपक, धूप, कपूर, फल

 

 

पूजा विधि:

 

1. व्रती को सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए!

 

2. दिनभर व्रत रखकर केवल फलाहार या जल ग्रहण करें!

 

3. संध्या के समय शिवलिंग का अभिषेक करें। पंचामृत से स्नान कराकर शिवजी को बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद पुष्प चढ़ाएं!

 

4. शिव चालीसा, रुद्राष्टक और महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें!

 

5. दीप जलाकर शिवजी की आरती करें!

 

6. ब्राह्मण को दान दें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं!

 

 #सावन प्रदोष व्रत के लाभ;

 

 

 

 

 

 #शनि दोष से मुक्ति:

यदि आपकी कुंडली में शनि नीच राशि में हो, या शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, तो सावन के प्रदोष व्रत में शिवजी का रुद्राभिषेक करने से राहत मिलती है!

 

 

 #कालसर्प दोष का शमन:

कालसर्प दोष से परेशान जातकों के लिए प्रदोष व्रत एक वरदान है। नाग-नागिन पूजा और रुद्राभिषेक से विशेष लाभ होता है!

 

 

#विवाह में देरी:

अगर विवाह में बार-बार अड़चन आ रही हो, तो शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करने से विवाह योग्य साथी मिलता है!

 

 

#संतान प्राप्ति:

संतान सुख की कामना रखने वाले दंपत्ति को प्रदोष व्रत में शिव-पार्वती को दूध, शहद और चंदन से स्नान कराकर प्रार्थना करनी चाहिए!

 

#मानसिक शांति और रोग नाश:

#महामृत्युंजय मंत्र का जाप और बेलपत्र से अभिषेक करने से मानसिक तनाव, भय और रोगों से राहत मिलती है!

 

#सावन प्रदोष व्रत के विशेष ज्योतिषीय उपाय;

 

उपाय 1: #शिवलिंग पर जलधारा लगाएं;

यदि कुंडली में चंद्रमा, शनि या राहु पीड़ित हों, तो सावन के किसी प्रदोष व्रत पर शिवलिंग पर ताम्र पात्र से जलधारा स्थापित करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें!

 

उपाय 2: #बिल्वपत्र पर मनोकामना लिखें;

सावन के प्रदोष व्रत में 11 बिल्वपत्र लें और उन पर अपनी मनोकामना शहद से लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है!

 

 

उपाय 3: #काले तिल का प्रयोग;

यदि शनि दोष या कोर्ट केस से पीड़ित हैं, तो शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाएं और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें!

 

#गरीबों को वस्त्रदान;

सावन के प्रदोष व्रत पर किसी निर्धन व्यक्ति को सफेद वस्त्र, चावल, चीनी या मिश्री का दान करें! इससे गुरु और चंद्रमा दोष शांत होते हैं!

 

 

उपाय 5: #शिव पंचाक्षरी मंत्र जाप;

प्रदोष व्रत के दिन पूरे दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें! दिन में 108, 1008 या 11 माला जपने से बहुत लाभ होता है!

 

 

 

#सावन प्रदोष व्रत के दिन राशिनुसार अनुसार उपाय;

 

#मेष, सिंह, धनु राशि वाले जातक:

इन जातकों को शिवलिंग पर लाल पुष्प, गंगा जल और शहद चढ़ाकर आरती करनी चाहिए! इससे आत्मबल बढ़ता है!

 

#वृषभ, कन्या, मकर राशि वाले जातक;

इन राशियों के लोगों को दूध, चंदन और सफेद पुष्प से शिव पूजन करना चाहिए! इससे रोग और तनाव दूर होते हैं!

 

#मिथुन, तुला, कुंभ राशि वाले जातक;

इन जातकों को शिवलिंग पर बेलपत्र और पंचामृत अर्पित कर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए!

 

#कर्क, वृश्चिक, मीन राशि वाले जातक;

इन राशियों को शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करनी चाहिए। दंपत्तियों को संतान सुख और अविवाहितों को विवाह का योग बनता है!

 

 

 #सावन प्रदोष व्रत और महिलाएं;

 

सावन प्रदोष व्रत महिलाएं विशेष रूप से पति की लंबी उम्र, सुखी वैवाहिक जीवन और संतान की रक्षा के लिए करती हैं!

महिलाओं को व्रत में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

 

प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें

 

निर्जला व्रत रखने का संकल्प लें (या केवल फलाहार करें)

 

प्रदोषकाल में शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करें

 

शिवलिंग को स्पर्श न करें, केवल जल अर्पित करें

 

 

#सावन प्रदोष व्रत के दौरान निषेध;

 

*व्रत के दिन क्रोध, झूठ, आलस्य, परनिंदा से बचें!

 

*मद्यपान, मांसाहार और तामसिक भोजन वर्जित है!

 

*दिनभर शिव मंत्रों का जाप करें और शुभ विचार रखें!

 

*रात्रि में शिव स्तुति करते हुए विश्राम लें!

 

 

 

 

 

सावन माह का प्रदोष व्रत एक अत्यंत शुभ और प्रभावकारी व्रत है! यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से फलदायी है, बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी अनेक दोषों को शांत करने में सक्षम है! ग्रहों की अशुभ स्थिति, जीवन में अड़चनें, रोग, तनाव, पारिवारिक असंतुलन, विवाह में देरी जैसी समस्याओं के लिए यह व्रत एक सिद्ध

उपाय है!

 

भगवान शिव की उपासना, उपवास और उचित ज्योतिषीय उपायों द्वारा सावन प्रदोष व्रत आपके जीवन को सुख, शांति, सफलता और समृद्धि से भर सकता है!

 

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