शारदीय नवरात्रि 2025: सही विधि से पूजा करें, वरना जीवन में आ सकता है संकट ! जानें कलश स्थापना, उपाय और देवी की कृपा पाने के रहस्य!
नवरात्रि का पर्व साल में दो बार आता है— चैत्र और शारदीय! शारदीय नवरात्रि को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस समय मां दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं ,और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं! वर्ष 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025, सोमवार से आरंभ होकर 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार तक मनाई जाएगी! यह नवरात्रि विशेष है क्योंकि इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं!
लेकिन ज्योतिष शास्त्र कहता है कि यदि नवरात्रि में पूजा-पाठ और व्रत विधि-विधान से न किया जाए या इसमें चूक हो जाए तो यह जीवन में संकट, बाधा और अशुभ फल ला सकती है! आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में शारदीय नवरात्रि 2025 से संबंधित जानकारी लेकर प्रस्तुत है, आइए विस्तार से जानें कि 2025 की शारदीय नवरात्रि में क्या विशेष है, कौन-सी सावधानियां रखनी चाहिए और सही पूजा-व्रत विधि क्या है!
#शारदीय नवरात्रि 2025 की तिथियां और शुभ मुहूर्त;
*प्रतिपदा तिथि प्रारंभ – 21 सितंबर 2025, रात 10:46 बजे!
*प्रतिपदा तिथि समाप्त – 22 सितंबर 2025, रात 8:10 बजे!
*कलश स्थापना का मुहूर्त – 22 सितंबर को प्रातः 6:15 से 8:30 बजे तक अत्यंत शुभ रहेगा!
# शारदीय नवरात्रि 2025 में ग्रह स्थिति:;
*इस नवरात्रि में चंद्रमा सिंह राशि में रहेंगे, जो शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करेंगे!
#शनि मीन राशि में होने से कर्म की परीक्षा का समय रहेगा!
#मंगल कर्क में होने से भावनात्मक उथल-पुथल संभव है!
इसलिए देवी की साधना करने वालों को शक्ति, धैर्य और निर्णय क्षमता मिलेगी!
** विशेष योग
इस बार नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृतसिद्धि योग जैसे दुर्लभ संयोग बनेंगे! देवी की उपासना से साधक को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की सफलता मिलेगी!
🌺 नवरात्रि में पूजा की महत्ता;
#शारदीय नवरात्रि केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है ,बल्कि यह आत्मशुद्धि और साधना का समय है! इस दौरान की गई पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है!
शत्रु और रोग नष्ट होते हैं! मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है!
*जीवन की बाधाएं और कर्ज दूर होते हैं! लेकिन यदि पूजा-व्रत में लापरवाही हो जाए तो इसका उल्टा प्रभाव भी देखने को मिलता है!
⚠️ नवरात्रि में भूल से भी न करें ये गलतियां
1. कलश स्थापना में त्रुटि – यदि सही मुहूर्त या दिशा में कलश स्थापित न किया जाए तो पूजा निष्फल हो सकती है!
2. मांस-मदिरा का सेवन – नवरात्रि में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और देवी की कृपा दूर कर देता है!
3. झगड़ा या कटु वचन – घर में तनाव और अपशकुन बढ़ाता है!
4. अधूरी आराधना – नवदुर्गा की सभी नौ देवियों की पूजा पूरी करनी चाहिए! बीच में पूजा छोड़ना अशुभ फल देता है!
5. स्वच्छता की अनदेखी – घर और मंदिर स्थान पर गंदगी होने से पूजा का प्रभाव कम हो जाता है!
#शारदीय नवरात्रि 2025 की पूजा विधि;
#कलश स्थापना:
*प्रातः स्नान करके पीले वस्त्र पहनें!
*मिट्टी से वेदी बनाकर उस पर जौ बोएं!
*तांबे या मिट्टी के कलश में गंगाजल भरें, आम के पत्ते लगाएं और नारियल रखें!
*कलश को वेदी पर स्थापित करके देवी को आमंत्रित करें!
#मां दुर्गा की आराधना;
#देवी को लाल पुष्प, सिंदूर, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें!
#दुर्गा सप्तशती या देवी महात्म्य का पाठ करें!
#मां को प्रतिदिन भोग लगाएं और आरती करें!
#कन्या पूजन:
#अष्टमी या नवमी तिथि को 9 छोटी कन्याओं को भोजन कराएं! उन्हें उपहार और दक्षिणा दें।
यह सबसे फलदायी माना गया है!
🌼 नवरात्रि में किए जाने वाले विशेष उपाय;
*धन वृद्धि हेतु – नवरात्रि के प्रथम दिन मां लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें!
*स्वास्थ्य लाभ हेतु – देवी को हर दिन तुलसी पत्र और बेलपत्र चढ़ाएं!
*शत्रु बाधा निवारण हेतु – दुर्गा सप्तशती के “किलक स्तोत्र” का पाठ करें!
*कर्ज से मुक्ति हेतु – अष्टमी को देवी को गुड़ और नारियल अर्पित करें!
*संतान सुख हेतु – नवमी को कन्याओं को खीर और हलवा खिलाएं!
#शारदीय नवरात्रि 2025 में राशियों पर प्रभाव;
#मेष – करियर में उन्नति, लेकिन खर्च बढ़ेंगे!
#वृषभ – धन लाभ होगा, पारिवारिक जीवन में सुख!
#मिथुन – कार्यक्षेत्र में नए अवसर, स्वास्थ्य का ध्यान रखें!
#कर्क – मनचाही सफलता मिलेगी, दांपत्य में सामंजस्य!
#सिंह – आत्मविश्वास बढ़ेगा, शत्रु पर विजय!
#कन्या – आर्थिक लाभ होगा, लेकिन कर्ज से सावधान रहें!
#तुला – नए रिश्तों में लाभ, भाग्य का साथ मिलेगा!
#वृश्चिक – स्वास्थ्य लाभ होगा, रुके कार्य पूर्ण होंगे!
#धनु – यात्राओं में सफलता, पर व्यय बढ़ेगा!
#मकर – करियर में बड़ी सफलता संभव!
#कुंभ – शिक्षा और प्रतियोगिता में लाभ!
#मीन – दांपत्य जीवन सुखी रहेगा, धन लाभ होगा!
शारदीय नवरात्रि 2025 केवल उपवास और व्रत का पर्व नहीं है बल्कि यह आत्मशक्ति और ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय है! यदि इन नौ दिनों में श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा की जाए तो जीवन के सभी संकट दूर होकर सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है!
लेकिन यदि इसमें लापरवाही या चूक हो जाए तो
इसका विपरीत प्रभाव भी मिल सकता है! इसलिए इस बार शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा की साधना पूरी श्रद्धा, पवित्रता और विधि-विधान से करें!