तांबे का कड़ा पहनते ही कैसे चमकता है भाग्य? किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए?

 

भारतीय संस्कृति और ज्योतिष शास्त्र में धातुओं का विशेष महत्व माना गया है। सोना, चांदी, लोहा और तांबा ये सभी धातुएँ केवल आभूषणों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका प्रभाव हमारे शरीर, मन और ग्रहों की स्थिति पर भी पड़ता है। तांबे का कड़ा (Copper Bracelet) विशेष रूप से एक ऐसा धातु उपकरण है जिसे पहनने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, विशेष रूप से ये भी जानना बेहद जरूरी है कि किन लोगों को इसे धारण करने से बचने चाहिए!

 

आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है कि तांबे का कड़ा पहनने से क्या-क्या लाभ होते हैं, किसे इसे पहनना चाहिए, इसके नियम क्या हैं और इसका ज्योतिषीय महत्व क्या है। और किन लोगों को इसे धारण करने से बचना चाहिए!

ज्योतिष शास्त्र में तांबे को सूर्य ग्रह का प्रतीक माना जाता है। सूर्य आत्मा, शक्ति, आत्मविश्वास और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर है या नीच का है, तो उसे तांबे का कड़ा पहनने की सलाह दी जाती है।

तांबा सूर्य से संबंधित ग्रह है, इसलिए यह आत्मबल, ऊर्जा और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती है या जो बार-बार असफलताओं का सामना करते हैं।

**तांबे का कड़ा पहनने से होने वाले लाभ ?

यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो तांबे का कड़ा पहनना एक सरल और प्रभावशाली उपाय हो सकता है। इससे आत्मबल बढ़ता है, नेतृत्व क्षमता में सुधार आता है और जीवन में स्थिरता आती है!

तांबे की धातु में प्राकृतिक रूप से ऐसी ऊर्जा होती है जो नकारात्मक प्रभावों को दूर करती है। इसे पहनने से व्यक्ति को बुरी नजर या ईर्ष्यापूर्ण शक्तियों से बचाव मिलता है।

 

तांबे को अग्नि तत्व से संबंधित माना गया है। यह शरीर में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है। तांबे का कड़ा पहनने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और त्वचा, जोड़ों और रक्त संचार से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है।

** मानसिक शांति और स्पष्टता**

जिन लोगों के विचार अस्थिर रहते हैं या बार-बार निर्णय बदलते हैं, उनके लिए तांबे का कड़ा मानसिक स्पष्टता और स्थिरता लाता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है।

**करियर और शिक्षा में लाभ**

जिन विद्यार्थियों की कुंडली में सूर्य नीच का हो या बुद्धि कमजोर हो, उन्हें तांबे का कड़ा पहनने की सलाह दी जाती है। इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है और निर्णय लेने की क्षमता सुधरती है।

 

**तांबे का कड़ा पहनने के नियम**

तांबे का कड़ा पहनने से पहले कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए ताकि इसका पूरा लाभ प्राप्त हो सके!

तांबे का कड़ा रविवार के दिन सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सूर्य का दिन होता है!

इसे आमतौर पर दाएं हाथ में पुरुष और बाएं हाथ में महिलाएं पहनती हैं। कुछ परंपराओं में बायां हाथ भी उपयुक्त माना जाता है, लेकिन मूलतः इसे दाहिने हाथ में पहनना श्रेष्ठ माना गया है।

कड़ा पहनने से पहले उसे गंगाजल, दूध और शुद्ध जल से धोकर सूर्य मंत्र (“ॐ सूर्याय नमः”) का जाप करते हुए धारण करें।

नियमित सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए, तांबा धातु जल्दी ऑक्सीकरण के कारण काला हो सकता है। इसे साफ और शुद्ध रखना ज़रूरी है, ताकि इसकी ऊर्जा बाधित न हो।

तांबे का कड़ा जिसे आप पहनते हैं, वह किसी और को नहीं देना चाहिए। यह आपकी ऊर्जा से जुड़ चुका होता है।

* किन लोगों को तांबे का कड़ा पहनना चाहिए?

* जिनकी कुंडली में सूर्य नीच का है या कमजोर है।

* जिनके जीवन में आत्मविश्वास की कमी है।

* जो अचानक क्रोध में आ जाते हैं या मानसिक तनाव में रहते हैं।

* जिनके कार्यों में बार-बार बाधाएं आती हैं!

* जो लोग सरकारी नौकरी, राजनीति या प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता पाना चाहते हैं।

* जिन्हें स्मरण शक्ति की कमी हो या पढ़ाई में मन न लगता हो!

 

** तांबे का कड़ा कौन नहीं पहने?

* जिनकी कुंडली में सूर्य पहले से ही बहुत प्रभावशाली है, उन्हें तांबा पहनने की जरूरत नहीं होती, अन्यथा सूर्य का अति प्रभाव हानिकारक हो सकता है।

* बहुत क्रोधित स्वभाव वाले लोगों को पहले ज्योतिषीय सलाह लेनी चाहिए।

* यदि सूर्य कुंडली में पाप ग्रहों के साथ है (जैसे राहु, शनि), तो बिना परामर्श तांबा पहनना उल्टा असर दे सकता है।

कुछ लोग सोचते हैं कि रत्न ही पहने जाएँ, परन्तु सभी के लिए रत्न पहनना संभव नहीं होता आर्थिक कारणों या उपलब्धता के अभाव में। ऐसे में धातु उपाय जैसे तांबे का कड़ा बहुत प्रभावशाली विकल्प होता है। यह सस्ता, सुलभ और सुरक्षित उपाय है।

वैज्ञानिक रूप से भी तांबे के कई लाभ बताए गए हैं;

* तांबा एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है।

* यह शरीर में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की पूर्ति में सहायक होता है।

* तांबे का संपर्क त्वचा के साथ रहने से अर्थिंग की प्रक्रिया होती है, जिससे तनाव और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभावों से राहत मिलती है।

कुछ लोग तांबे का कड़ा पहनने के साथ-साथ तांबे के यंत्र या प्लेट घर में रखते हैं, जिससे वास्तु दोष दूर होते हैं। विशेष रूप से सूर्य यंत्र तांबे पर अंकित करके पूजा स्थल में रखा जाए तो जीवन में उन्नति होती है!

तांबे का कड़ा एक अत्यंत सरल, प्रभावशाली और सुरक्षित उपाय है जिसे पहनने से न केवल ज्योतिषीय लाभ प्राप्त होते हैं, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह सूर्य ग्रह को मजबूत करता है, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, और जीवन में नई दिशा देता है।

 

हालांकि, इसे पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें ताकि आपकी कुंडली के अनुसार यह सही निर्णय साबित हो। यदि सही तरीके से धारण किया जाए, तो तांबे का कड़ा जीवन में आश्चर्यजनक रूप से लाभकारी सिद् साबित होता है!

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