Ravivaar ke upay: रविवार के प्रभावशाली उपाय! प्रसिद्धि,धन, दौलत प्राप्ति! अनसुने उपाय!

 

हिंदू धर्म एवं वैदिक ज्योतिष में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता और ग्रह से संबंधित होता है। रविवार का दिन विशेष रूप से सूर्य देव को समर्पित होता है। सूर्य ग्रह न केवल आत्मबल, सम्मान, यश और नेतृत्व क्षमता का कारक है, बल्कि यह व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, प्रशासनिक क्षमता और समाज में प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करता है। इस दिन यदि कुछ विशेष ज्योतिषीय और धार्मिक उपाय किए जाएं, तो जीवन में धन, समृद्धि और यश की प्राप्ति सुनिश्चित हो सकती है।

रविवार सूर्य देव का दिन है, जो जीवन में प्रकाश, आत्मबल, सम्मान और धन का कारक है। यदि रविवार को श्रद्धा और नियमपूर्वक उपरोक्त उपाय किए जाएं, तो निश्चित रूप से जीवन में धन-दौलत, यश-कीर्ति और शांति की प्राप्ति होती है। ये उपाय भले ही सरल दिखें, परंतु यदि इन्हें नियमितता और विश्वास के साथ किया जाए, तो इनका प्रभाव चमत्कारी हो सकता है।

सूर्य की कृपा से जीवन में अंधकार नहीं टिकता। सूर्योपासना करें और धन-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें।

आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे रविवार को किए जाने वाले ऐसे  प्रभावशाली उपायों के बारे में, जिनसे जीवन में सकारात्मक बदलाव, धन लाभ और मान-सम्मान की प्राप्ति संभव है।

**सूर्य को जल चढ़ाना सबसे प्रभावी और सरल उपाय माना गया है। इससे सूर्य की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और आकर्षण का संचार होता है।

*विधि:

रविवार को सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, चावल और रोली मिलाकर सूर्य देव को पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करें। जल अर्पण करते समय “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।

 

** लाल वस्त्र का दान;

लाल रंग सूर्य का प्रिय रंग है। लाल वस्त्र का दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और यश, कीर्ति में वृद्धि होती है।

*विधि:

रविवार को किसी गरीब या ब्राह्मण को लाल वस्त्र, गुड़ और तांबे का दान करें।

** गुड़ और गेहूं का दान

सूर्य देव को मीठा और अन्न प्रिय है। गुड़ और गेहूं का दान करने से पारिवारिक सुख, समृद्धि और व्यापार में लाभ मिलता है।

*विधि:

प्रातः सूर्य को जल अर्पण करने के बाद किसी जरूरतमंद को 1 किलो गेहूं और 250 ग्राम गुड़ दान करें।

 

**आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ;

यह स्तोत्र भगवान श्रीराम को ऋषि अगस्त्य द्वारा दिया गया था। इसका पाठ करने से मानसिक बल, विजय और आत्मशक्ति में वृद्धि होती है।

*विधि:

रविवार को स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण कर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। नियमित पाठ से विपत्तियाँ दूर होती हैं।

**रुद्राक्ष और तांबे का सूर्य यंत्र;

रुद्राक्ष आत्मबल और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, और सूर्य यंत्र व्यक्ति के जीवन में तेज, उन्नति और मान-सम्मान लाता है।

*विधि:

रविवार को रुद्राक्ष की माला में सूर्य यंत्र पहनें या घर के मंदिर में स्थापित करें।

** रक्त चंदन का तिलक;

रक्त चंदन का तिलक तेजस्विता और आत्मबल प्रदान करता है।

*विधि:

रविवार को स्नान के बाद रक्त चंदन को गंगाजल में घोलकर “ॐ आदित्याय नमः” मंत्र के साथ मस्तक पर तिलक लगाएं।

** सूर्य नमस्कार योग;

सूर्य नमस्कार न केवल एक योगिक क्रिया है, बल्कि यह सूर्य की उपासना का एक प्राचीन तरीका भी है।

*विधि:

रविवार को प्रातः खाली पेट सूर्य नमस्कार की 12 आवृत्तियाँ करें। इससे स्वास्थ्य सुधरता है और आकर्षण बढ़ता है।

**काले तिल और गुड़ का भोग;

तिल और गुड़ सूर्य को प्रिय है। इनका भोग लगाने से दुर्भाग्य दूर होता है।

*विधि:

रविवार को सूर्य देव की प्रतिमा पर काले तिल और गुड़ का भोग लगाकर गरीबों को वितरित करें।

**सूर्य बीज मंत्र का जाप

बीज मंत्र के माध्यम से ग्रह की मूल शक्ति को जाग्रत किया जाता है।

**मंत्र:

“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”

*विधि:

रविवार को इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से 108 बार करें।

**सूर्य ग्रह का शांति हवन;

यदि कुंडली में सूर्य पीड़ित हो या नीचस्थ हो, तो सूर्य शांति हवन बहुत उपयोगी सिद्ध होता है।

*विधि:

रविवार को हवन कुंड में गाय के घी, गुड़, तिल और लाल चंदन के साथ सूर्य मंत्रों द्वारा हवन करें।

**पितरों को तर्पण;

*महत्त्व:

सूर्य पितरों का कारक ग्रह है। तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।

*विधि:

रविवार को पीपल के पेड़ के नीचे काले तिल और जल से पितरों को तर्पण करें।

**सूर्यदेव के 12 नामों का जाप;

सूर्य के 12 नामों का जाप जीवन के 12 भावों में शुभ प्रभाव डालता है। इनको जपने से यश कीर्ति धन धान्य की प्राप्ति होती है!

 

** सूर्य के 12 नाम इस प्रकार हैं;

*ॐ मित्राय नमः

*रवये नमः

*सूर्याय नमः

*भानवे नमः

*खगाय नमः

*पुष्णे नमः

*हिरण्यगर्भाय नमः *मरीचये नमः

*आदित्याय नमः

*सवित्रे नमः

*अर्काय नमः

*भास्कराय नमः।”

*विधि:

स्नान के बाद एकांत में बैठकर श्रद्धा से इन नामों का जाप करें।

**जलते दीपक के साथ सूर्य ध्यान;

प्रकाश सूर्य का प्रतीक है। दीपक के समक्ष ध्यान करने से आत्मिक शुद्धि होती है।

*विधि:

तांबे के दीपक में गाय के घी का दीप जलाकर सूर्य की प्रतिमा के सामने ध्यान करें।

**रविवार से जुड़े कुछ विशेष टोटके;

* यदि अचानक धन लाभ चाहिए, तो रविवार को पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा कर “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करें।

* पुराने कर्ज से छुटकारा पाना है, तो रविवार को तांबे के सिक्के को नदी में प्रवाहित करें।

* नौकरी में प्रमोशन चाहिए, तो रविवार को लाल वस्त्र में गेहूं और गुड़ बांधकर किसी वृद्ध ब्राह्मण को दें।

सावधानी: किसी का अपमान करने से बचें और साथ ही अहंकार का त्याग करें!

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