Gupt Navratri 2025 :गुप्त नवरात्रि 2025 में कब है? जानिए क्या है अनसुने गुप्त उपाय?
भारतवर्ष में देवी उपासना का विशेष महत्व है, और नवरात्रि देवी शक्ति की आराधना का सर्वोच्च पर्व माना जाता है। वर्ष में दो प्रमुख नवरात्रियाँ होती हैं – चैत्र और शारदीय नवरात्रि, जो जनमानस में अधिक प्रचलित हैं। इसके अतिरिक्त दो गुप्त नवरात्रियाँ भी होती हैं, जिन्हें केवल तांत्रिक, साधक एवं गुप्त साधना करने वाले ही जानते हैं। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक साधना, रहस्यमयी विद्याओं, एवं दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति के लिए उपयुक्त मानी जाती है!
**गुप्त नवरात्रि 2025 की तिथि (Gupt Navratri 2025 Tithi)**
गुप्त नवरात्रि हर वर्ष माघ और आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है। यह 9 दिनों तक चलती है और प्रत्येक दिन एक देवी रूप की साधना की जाती है!
गुप्त नवरात्रि एक अत्यंत शक्तिशाली और रहस्यमय काल है जो केवल आस्थावान, साधक और तांत्रिकों के लिए खुला रहस्य है। यह 9 दिन आत्मसाक्षात्कार, देवी कृपा, और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। जो व्यक्ति नियम, श्रद्धा और गोपनीयता के साथ गुप्त नवरात्रि का पालन करता है, उसे अलौकिक लाभ की प्राप्ति होती है! आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में गुप्त नवरात्रि 2025 से सम्बन्धित बेहद अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है!
**आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 की तिथि:**
* प्रारंभ: **26 जून 2025 (गुरुवार), शुक्ल पक्ष प्रतिपदा*
* समापन: **4 जुलाई 2025 (शुक्रवार), नवमी तिथि*
यह नौ दिनों का काल देवी शक्ति की रहस्यमयी और तांत्रिक शक्तियों के जागरण के लिए सर्वोत्तम होता है!
*गुप्त नवरात्रि की कथा (Gupt Navratri Katha)*
गुप्त नवरात्रि से संबंधित एक पुरातन कथा स्कंद पुराण, देवी भागवत तथा तंत्र ग्रंथों में वर्णित है! मान्यता है कि प्राचीन काल में एक महायोगिनी ने कठोर तप कर माता भगवती की गुप्त उपासना द्वारा दिव्य शक्तियों की प्राप्ति की! देवी ने प्रसन्न होकर उन्हें तांत्रिक विद्या, अपराजेयता और अदृश्य रहने का वरदान दिया!
एक अन्य कथा के अनुसार, महाराज जनक ने गुप्त नवरात्रि में भगवती की साधना कर एक बार अपने राज्य की समस्त समस्याओं से मुक्ति पाई थी।! उन्होंने ऋषियों के परामर्श से गुप्त नवरात्रि में 9 शक्तियों की विशेष पूजन विधि से पूजा की थी, जिससे उन्हें अद्भुत लाभ हुआ!
गुप्त नवरात्रि की साधनाएं गोपनीय रखी जाती हैं क्योंकि यह शक्तियों को जाग्रत करने की अत्यंत प्रभावशाली अवधि होती है, जिससे साधक अलौकिक अनुभव करता है!
**गुप्त नवरात्रि में पूजनीय नौ देवियां **
गुप्त नवरात्रि में देवी के नव रूपों की उपासना की जाती है, जो शक्ति के विभिन्न आयामों को दर्शाते हैं! ये हैं:
1. **शैलपुत्री** – पर्वतराज हिमालय की पुत्री
2. **ब्रह्मचारिणी** – तप की देवी
3. **चंद्रघंटा** – सौंदर्य और शक्ति की प्रतीक
4. **कूष्मांडा** – ब्रह्मांड सृजन करने वाली शक्ति
5. **स्कंदमाता** – युद्ध के देवता स्कंद की माता
6. **कात्यायनी** – वीरता की देवी
7. **कालरात्रि** – अंधकार नाशिनी शक्ति
8. **महागौरी** – शुद्धता और शांति की प्रतीक
9. **सिद्धिदात्री** – सिद्धियों की प्रदाता देवी
इन सभी देवियों की साधना विशिष्ट तांत्रिक मंत्रों और विधियों से की जाती है!
**गुप्त नवरात्रि में किए जाने वाले उपाय (Upay in Gupt Navratri)**
गुप्त नवरात्रि में किए गए उपाय अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं! ये उपाय जीवन में सफलता, समृद्धि, शत्रु नाश और रोग मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं!
*दरिद्रता और ऋण मुक्ति के लिए:*
* गुप्त नवरात्रि में प्रत्येक दिन माँ लक्ष्मी के समक्ष श्रीयंत्र की पूजा करें!
* 9 शुक्रवार तक कमलगट्टे की माला से “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें!
* प्रतिदिन घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाएं!
**शत्रु नाश के लिए:**
* माँ कालरात्रि की विशेष पूजा करें!
* “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” मंत्र का 108 संख्या में जप करें!
* नींबू मां काली को चढ़ाएं!
* मां काली को गुलाबजामुन का भोग लगाएं!
** कोर्ट-कचहरी एवं मुकदमे में विजय के लिए:**
* देवी बगलामुखी की साधना अत्यंत प्रभावशाली है!
* पीले वस्त्र पहनकर “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” का जाप करें!
** रोग मुक्ति के लिए:**
* माँ काली को नीम की पत्तियाँ अर्पित करें!
* रोग से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर 9 दिन तक नींबू उतारकर जल में बहाएं!
* “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र से अभिमंत्रित जल पीएं!
** नौकरी व व्यवसाय में सफलता के लिए:**
* प्रतिदिन श्री सूक्त का पाठ करें!
* देवी लक्ष्मी की मूर्ति पर चढ़े 11 चावल के दाने पर्स में रखें!
* व्यापार स्थल पर नवदुर्गा यंत्र स्थापित करें!
* दुर्गा सप्तशती पाठ अवश्य करें!
गुप्त नवरात्रि ज्योतिष शास्त्र में विशेष रूप से उपयोगी मानी जाती है, विशेषकर गोचर परिवर्तन और ग्रह बाधाओं के समाधान हेतु है ,यह काल शनि, राहु, केतु जैसे पाप ग्रहों के दोषों को शांत करने का श्रेष्ठ समय है!
**कालसर्प दोष निवारण:**
* नाग-नागिन की जोड़ी का पूजन करें!
* महामृत्युंजय मंत्र का 1100 जाप करें!
**शनि दोष शांति:**
* शनि यंत्र की स्थापना कर “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र से जाप करें!
* शनिवार को काली उड़द, लोहे का छल्ला और तेल दान करें!
**राहु-केतु की बाधा:**
* राहु-केतु ग्रहों के लिए हवन करें!
* “ॐ रां राहवे नमः” और “ॐ कें केतवे नमः” मंत्रों का जप करें!
गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा एवं तांत्रिक उपाय बहुत जल्दी फल प्रदान करते हैं, विशेष रूप से जब ये शुभ योगों में किए जाएं!
**गुप्त नवरात्रि में क्या न करें !
* नवरात्रि काल में मांसाहार, मदिरा सेवन, अधिक क्रोध एवं असत्य वाणी से दूर रहें!
* पूजा और साधना के समय एकांत एवं पवित्रता बनाए रखें!
* गुप्त नवरात्रि की साधनाएं गोपनीय रखें। इन्हें किसी से साझा न करें!
गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक साधकों के लिए होती है। इस दौरान वे दस महाविद्याओं – काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला आदि की गुप्त साधना करते हैं! ये साधनाएं गुप्त मंत्रों एवं यंत्रों द्वारा की जाती हैं! दुश्मनों पर विजय दिलाने में सहायक होती हैं! आकस्मिक धन प्राप्ति में सहायक होती हैं, साथ ही आत्मबल एवं तेज बढ़ाने में समर्थ होती हैं!