नवग्रह की पूजा से कैसे मिलती है सफलता? क्या सच में बदलता है भाग्य?
भारतीय ज्योतिष और आध्यात्मिक परंपराओं में नवग्रह पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति के जीवन में जो सुख-दुख, उतार-चढ़ाव, सफलता-असफलता और भाग्य की परिस्थितियाँ आती हैं, वे काफी हद तक नवग्रहों की स्थिति पर आधारित होती हैं। जब किसी ग्रह की दशा या गोचर प्रतिकूल होता है, तो जीवन में रुकावटें आने लगती हैं। वहीं यदि ग्रह शुभ स्थिति में हों तो जीवन में उन्नति, धन, सुख और यश की प्राप्ति होती है। इसीलिए नवग्रहों की पूजा को भाग्य सुधारने और सफलता पाने के विशेष उपाय बताए गए है।
आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में नवग्रहों से संबंधित बेहद अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है, आइए विस्तार से जानते हैं कि नवग्रह कौन हैं, इनकी पूजा का महत्व क्या है, और यह कैसे हमारे भाग्य को बदल सकती है।
#नवग्रह कौन हैं?
*नवग्रह कुल 9 ग्रहों को मिलाकर बने हैं –
1. सूर्य (Sun) – आत्मविश्वास, स्वास्थ्य, राजयोग और नेतृत्व क्षमता के कारक।
2. चंद्र (Moon) – मन, भावनाएं, सुख, माता और मानसिक शांति का प्रतिनिधित्व।
3. मंगल (Mars) – साहस, ऊर्जा, भूमि-भवन, भाई और पराक्रम का कारक।
4. बुध (Mercury) – बुद्धि, वाणी, व्यापार, शिक्षा और तर्कशक्ति के कारक।
5. बृहस्पति (Jupiter) – ज्ञान, गुरु, धर्म, संतान, विवाह और समृद्धि का प्रतिनिधि।
6. शुक्र (Venus) – भौतिक सुख, कला, प्रेम, विवाह और ऐश्वर्य के कारक।
7. शनि (Saturn) – कर्म, परिश्रम, न्याय, दुख-सुख, सेवा और दीर्घायु के कारक।
8. राहु (Rahu) – मायाजाल, राजनीति, विदेश यात्रा, चतुराई और अचानक लाभ-हानि के कारक।
9. केतु (Ketu) – मोक्ष, अध्यात्म, त्याग, बाधाएँ और अदृश्य शक्तियों के कारक।
**नवग्रह पूजा का महत्व:
नवग्रह पूजा का उद्देश्य केवल ग्रहों को शांत करना ही नहीं बल्कि उनकी सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में सक्रिय करना भी है। जब किसी जातक की कुंडली में ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो जीवन में बाधाएँ बढ़ जाती हैं। ऐसे में नवग्रह पूजा से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और ग्रहों की कृपा से जीवन में संतुलन आता है।
सफलता की राह आसान होती है – ग्रहों की कृपा से करियर, व्यापार और शिक्षा में उन्नति होती है।
भाग्य की वृद्धि होती है – रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और अच्छे अवसर मिलते हैं।
स्वास्थ्य लाभ – शारीरिक और मानसिक रोगों से राहत मिलती है।
धन की प्राप्ति – आर्थिक स्थिति सुधरती है और अचानक लाभ के योग बनते हैं।
संबंधों में सुधार – परिवार, दांपत्य और सामाजिक संबंध मधुर होते हैं।
आध्यात्मिक शांति – पूजा से आत्मविश्वास और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
**नवग्रह पूजा कब करनी चाहिए?
जब कुंडली में कोई ग्रह नीच का, वक्री या अशुभ स्थिति में हो
विवाह, संतान, शिक्षा या करियर से जुड़ी रुकावटें आ रही हों
#नवग्रह पूजन विधि:
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। नवग्रह की प्रतिमा अथवा चित्र स्थापित करें। दीपक व धूप जलाकर नवग्रहों को आह्वान करें। प्रत्येक ग्रह को उनकी प्रिय वस्तु जैसे फूल, अक्षत, द्रव्य अर्पित करें। क्रम से सूर्य को लाल फूल, चंद्र को सफेद वस्त्र, मंगल को गुड़, बुध को हरा पान, गुरु को पीली वस्तु, शुक्र को इत्र, शनि को तिल, राहु को नीला कपड़ा और केतु को दूर्वा चढ़ाएं। नवग्रह मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती कर क्षमा प्रार्थना करें। इससे दोष शांत होकर सौभाग्य की वृद्धि होती है।
**नवग्रह मंत्रों का क्रमवार उच्चारण करें:
#सूर्य मंत्र – “ॐ घृणि: सूर्याय नमः” (आत्मविश्वास और स्वास्थ्य लाभ)
#चंद्र मंत्र – “ॐ चन्द्राय नमः” (मानसिक शांति और सुख)
#मंगल मंत्र – “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” (साहस और भूमि संबंधी लाभ)
#बुध मंत्र – “ॐ बुधाय नमः” (बुद्धि, व्यापार और वाणी की शक्ति)
#बृहस्पति मंत्र – “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” (ज्ञान, संतान और समृद्धि)
#शुक्र मंत्र – “ॐ शुक्राय नमः” (प्रेम, विवाह और ऐश्वर्य)
#शनि मंत्र – “ॐ शं शनैश्चराय नमः” (कठिनाई से मुक्ति और कर्मफल सुधार)
#राहु मंत्र – “ॐ राहवे नमः” (राजनीति और विदेशी लाभ)
#केतु मंत्र – “ॐ केतवे नमः” (मोक्ष और आध्यात्मिकता)
**क्या सच में बदलता है भाग्य?
यह प्रश्न अक्सर उठता है कि क्या सच में पूजा से भाग्य बदल सकता है? ज्योतिष के अनुसार, भाग्य और कर्म दोनों ही जीवन में समान रूप से प्रभाव डालते हैं। यदि ग्रह अशुभ स्थिति में हों, तो भाग्य कमजोर पड़ जाता है। ऐसे में नवग्रह पूजा ग्रहों की नकारात्मकता को कम करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
**नवग्रह पूजा से सफलता के वास्तविक उदाहरण:
1. व्यापार में रुकावट – जिन लोगों के व्यापार में लंबे समय से नुकसान हो रहा था, उन्होंने नवग्रह शांति कराई और धीरे-धीरे लाभ के मार्ग खुलने लगे।
2. नौकरी में सफलता – कई युवाओं ने ग्रह दोष शांति कराई और उसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की।
3. विवाह में बाधा – विवाह में देरी के मामलों में नवग्रह शांति और विशेष रूप से मंगल-शुक्र की पूजा से शुभ समाचार मिले।
4. स्वास्थ्य लाभ – जिन लोगों को बार-बार बीमारियाँ होती थीं, उन्होंने ग्रह शांति कराई और स्वास्थ्य में सुधार देखा।
नवग्रह पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि यह हमारे मन, कर्म और भाग्य के बीच संतुलन बनाने का एक माध्यम है। ग्रहों की स्थिति भले ही प्रतिकूल क्यों न हो, यदि हम सच्ची श्रद्धा, मेहनत और नवग्रहों की कृपा से आगे बढ़ते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है।
👉 इसलिए कहा जाता है कि – “ग्रह हमारे जीवन को दिशा देते हैं, लेकिन कर्म उसे गति देते हैं!
नवग्रह जीवन में सुख-दुख और सफलता-असफलता पर सीधा असर डालते हैं। पूजा से ग्रहों की नकारात्मकता कम होती है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।नवग्रह मंत्र, यंत्र और दान के द्वारा सफलता के मार्ग प्रशस्त होते हैं। पूजा के साथ सत्क
र्म और परिश्रम भी अनिवार्य हैं। इस प्रकार नवग्रह पूजा न केवल भाग्य सुधारती है बल्कि जीवन को नई दिशा भी देती है।