Anant chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी 2025 में कब है? 14 गांठों का क्या है रहस्य? परेशानियां होंगी छूमंतर!
#अनंत चतुर्दशी 2025 कब है?
व्रत और पूजा के लिए अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार अनंत चतुर्दशी 2025 शनिवार, 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 6 सितंबर को प्रातः 05:58 बजे होगा और समापन 7 सितंबर को प्रातः 05:45 बजे होगा। इसीलिए व्रत व पूजा 6 सितंबर को ही संपन्न होंगे। आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अनंत चतुर्दशी 2025 से संबंधित बेहद अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है!
अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है! इस दिन भक्त ‘अनंत सूत्र’ (लाल रेशमी धागा जिसमें 14 गांठें होती हैं) धारण करते हैं! माना जाता है कि यह सूत्र धारण करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है!
साथ ही, यह तिथि भगवान गणेश विसर्जन का भी प्रमुख पर्व है! गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है! देशभर में विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर भारत में विशाल शोभायात्राएँ एवं गणेश विसर्जन के आयोजन होते हैं!
#अनंत चतुर्दशी की पौराणिक कथा;
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक समय युधिष्ठिर ने अनंत चतुर्दशी का व्रत किया था! श्रीकृष्ण ने उन्हें यह व्रत करने का परामर्श दिया था ताकि पांडवों के जीवन में आई कठिनाइयाँ समाप्त हो सकें! जब युधिष्ठिर ने यह व्रत पूरे नियमों से किया, तो उन्हें सफलता और समृद्धि प्राप्त हुई!
इसके अलावा मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्त को जीवन में कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता!
**अनंत सूत्र का महत्व;
अनंत सूत्र में 14 गांठें बांधी जाती हैं! इसे भगवान विष्णु के अनंत रूप का प्रतीक माना जाता है! पुरुष इसे दाहिने हाथ में और महिलाएँ इसे बाएँ हाथ में धारण करती हैं! इस सूत्र को धारण करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और परिवार में शांति बनी रहती है!
**अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि;
1. प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प लें!
2. भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने कलश स्थापित करें!
3. शुद्ध घी का दीपक जलाएँ और भगवान को फल, पुष्प, पंचामृत व नैवेद्य अर्पित करें!
4. अनंत सूत्र पर हल्दी-कुमकुम लगाकर पूजा करें और फिर धारण करें!
5. व्रत कथा का पाठ करें!
6. व्रती दिनभर व्रत रखे और संध्या समय भगवान को भोग अर्पित कर व्रत पूर्ण करें!
अनंत चतुर्दशी को चतुर्दशी तिथि, शनिवार और विष्णु पूजा का संयोग अत्यंत शुभफलदायी होता है! इस दिन किया गया व्रत और दान-पुण्य व्यक्ति की कुंडली के कई दोषों को कम करता है!
इस दिन के विशेष ज्योतिषीय लाभ:
#शनि दोष शांति: चतुर्दशी का दिन शनिवार को पड़ने पर शनि दोष और पितृ दोष कम करने का विशेष योग बनता है!
#धन लाभ: अनंत सूत्र धारण करने से बृहस्पति ग्रह के शुभ प्रभाव मिलते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है!
#वैवाहिक सुख: इस दिन व्रत करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है!
#संतान सुख: संतान की प्रगति और सुख की कामना करने वालों के लिए यह व्रत विशेष फलदायी है!
#कर्मिक बाधाओं से मुक्ति: कुंडली में राहु-केतु से उत्पन्न कठिनाइयाँ इस व्रत से काफी हद तक कम हो जाती हैं!
**अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन;
गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है! इस दिन भक्त अपने घरों और पंडालों में स्थापित गणेश जी की मूर्ति का जल में विसर्जन करते हैं! “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष से वातावरण गूंज उठता है!
यह दिन भक्त और भगवान के बीच अटूट आस्था और प्रेम का प्रतीक है! विसर्जन करते समय भक्त अगले वर्ष पुनः गणेश जी के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं!
**अनंत चतुर्दशी 2025 के लिए शुभ मुहूर्त;
#व्रत और पूजा का शुभ समय: सुबह 06:00 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक
#गणेश विसर्जन का श्रेष्ठ समय: प्रातः 08:00 बजे से लेकर रात्रि 09:00 बजे तक
**अनंत चतुर्दशी पर क्या करें और क्या न करें
✅क्या करें:
भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा।
*अनंत सूत्र धारण करना!
*व्रत और दान-पुण्य करना!
*पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करना!
❌क्या न करें:
*इस दिन झूठ बोलना, वाणी से कटुता फैलाना!
*मदिरा, मांसाहार या तामसिक भोजन का सेवन!
*किसी भी प्रकार के वाद-विवाद या क्रोध से बचना!
अनंत चतुर्दशी 2025 का पर्व 6 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा! यह दिन भक्तों के लिए विष्णु कृपा और गणेश आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर है! जो भी व्यक्ति
श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत करता है, उसके जीवन में अनंत सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है!