Pitra dosh: पितृ दोष है कुंडली में? पहचानें इसके लक्षण और असर ! ऐसे में करें तुरंत ये उपाय?

 

 

 

भारतीय वैदिक ज्योतिष में पितृ दोष (Pitra Dosh) को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है! जब कुंडली में पूर्वजों (पितरों) की आत्मा अप्रसन्न होती है या ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण शुभ फल रुक जाते हैं, तब उसे पितृ दोष कहा जाता है! यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएँ पैदा कर सकता है जैसे विवाह में रुकावट, संतान सुख में बाधा, आर्थिक संकट या स्वास्थ्य संबंधी परेशानी! आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी पितृ दोष से संबंधित बेहद अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है,आइए विस्तार से समझते हैं पितृ दोष के कारण, लक्षण, असर और इसके उपाय!

 

 

#पितृ दोष क्या है?

 

पितृ दोष वह अवस्था है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति यह संकेत देती है कि उसके पितरों की आत्मा संतुष्ट नहीं है या उनका श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि विधि-विधान से नहीं हुआ!

कुंडली में विशेष रूप से सूर्य, राहु, शनि और केतु की स्थिति पितृ दोष का संकेत देती है!

 

यह भी कहा जाता है कि जब पूर्वजों की आत्मा अधूरी इच्छाओं के कारण मोक्ष नहीं पा पाती, तब उनकी आत्मा वंशजों से शांति की अपेक्षा करती है!

 

#पितृ दोष बनने के ज्योतिषीय कारण;

1. सूर्य और राहु का एक साथ होना (ग्रहण योग)!

2. शनि और चंद्रमा का अशुभ संबंध!

3. नवम भाव (पितृ स्थान) में राहु, केतु या शनि का प्रभाव!

4. पितरों की मृत्यु के बाद श्राद्ध कर्म का न होना या अधूरा होना!

5. पूर्वजों के द्वारा किए गए अधर्म या अन्याय!

 

 

#पितृ दोष के मुख्य लक्षण ;

 

यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो उसके जीवन में कुछ विशेष संकेत दिखाई देने लगते हैं जैसे कि विवाह और संतान संबंधी बाधाएँ उत्पन्न होना, विवाह में बार-बार रुकावटें आना! विवाह के बाद भी दांपत्य जीवन में अशांति रहना! संतान सुख में विलंब या संतान का स्वास्थ्य ठीक न रहना!

 

 

#आर्थिक परेशानियाँ;

 

अचानक धन की हानि होना,मेहनत के अनुसार फल न मिलना! कर्ज़ से मुक्ति न मिलना!

 

#स्वास्थ्य समस्याएँ;

 

बार-बार बीमार होना!परिवार में किसी न किसी को गंभीर रोग लगे रहना! मानसिक तनाव और अनिद्रा की समस्या!

 

#पारिवारिक कलह;

 

घर में शांति न रहना! भाई-बहनों में झगड़े होना! भूमि-भवन संबंधी विवाद! अजीब घटनाएँ घटित होना!

घर में बार-बार अचानक दुर्घटनाएँ होना! धार्मिक कार्यों में बाधा आना! सपनों में पूर्वज दिखाई देना या पितरों का आशीर्वाद/क्रोध अनुभव करना!

 

#पितृ दोष का असर;

 

1. जीवन में प्रगति रुकना – पढ़ाई, नौकरी, व्यवसाय सभी में बाधाएँ आती हैं!

2. मानसिक और पारिवारिक अशांति – घर में क्लेश और रिश्तों में दूरी!

3. धन की कमी और कर्ज़ – पैसे टिकते नहीं और कर्ज में फसते चले जाते हैं!

4. संतान सुख में रुकावट – संतान न होना या संतान का स्वास्थ्य कमजोर रहना!

5. अचानक संकट – दुर्घटनाएँ, बीमारियाँ और कानूनी परेशानियाँ बढ़ना!

 

#पितृ दोष दूर करने के उपाय;

 

यदि कुंडली में पितृ दोष है तो इन उपायों को अपनाकर इसका निवारण किया जा सकता है!

 

1. श्राद्ध और तर्पण;

 

#पितृ पक्ष में श्राद्ध अवश्य करें!

 

#गंगा जल से तर्पण करना और पितरों को पिंडदान करना शुभ होता है!

#पितरों के नाम से दान-पुण्य;

गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान दें!

गौ सेवा, ब्राह्मण भोजन और जलदान विशेष फलदायी है

 

#पितृ दोष निवारण पूजा;

 

किसी योग्य पंडित से पितृ दोष निवारण यज्ञ कराएं!

विशेष रूप से उज्जैन, गया और त्र्यंबकेश्वर में पितृ तर्पण व श्राद्ध कराना श्रेष्ठ माना जाता है!

 

#मंत्र जाप और स्तोत्र;

 

#ॐ नमः शिवाय का प्रतिदिन जाप करें!

#“महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें!

#पितरों की शांति के लिए “शिव पितृ स्तोत्र” पढ़ें!

 

#रविवार और अमावस्या के उपाय;

 

#अमावस्या के दिन काले तिल, काला कपड़ा और भोजन दान करें!

#पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर पितरों की शांति की प्रार्थना करें!

#अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं!

#चींटियों, कुत्ता, गाय, कौआ के खाने का बंदोबस्त करे!

 

**विशेष उपाय

 

घर के मंदिर में पितरों की फोटो न रखें!

पितरों को याद करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके दीपक जलाएं! अपने घर के बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें और सेवा करें!

 

#पितृ दोष दूर करने के लाभ;

*घर में शांति और सुख-समृद्धि आती है!

*विवाह और संतान संबंधी रुकावटें दूर होती हैं!

*व्यवसाय और करियर में सफलता मिलने लगती है!

*स्वास्थ्य अच्छा होता है और मानसिक तनाव कम होता है!

*पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है!

 

पितृ दोष को केवल अशुभ मानकर डरना नहीं चाहिए! यह हमारे पूर्वजों की आत्मा को संतुष्ट करने का एक संकेत है! जब हम अपने पितरों को याद करते हैं, उनका श्राद्ध, तर्पण और दान करते हैं तो वे प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद देते हैं! इसलिए यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है या इसके लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत उचित उपाय अपनाएँ!

 

याद रखें – पितृ दोष निवारण का सबसे सरल उपाय है, पितरों को श्रद्धा और प्रेम से स्मरण करना, श्राद्ध करना और अपने जीवन में धर्म-पुण्य

के कार्य करना! ऐसा करने मात्र से आपके त्रिविध संकट दूर होते है, पितृ दोष का शमन होता है! और आपके जीवन में धन सफलता सुख की वर्षा होती है!

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