विवाह में हो रही है देरी? विवाह में अड़चनें क्यों आती है? जल्द बजेगी शहनाई जानिए कारण और उपाय!

 

 

 

 

 

 

#विवाह में हो रही देरी: कारण और ज्योतिषीय उपाय;

 

विवाह हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है! यह न केवल दो व्यक्तियों का, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन होता है! परंतु कई बार ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति का विवाह समय पर नहीं हो पाता, बार-बार रिश्ते टूट जाते हैं, या उचित जीवनसाथी नहीं मिल पाता! ऐसे में व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हो जाता है और यह प्रश्न उठता है, विवाह में देरी क्यों हो रही है? और इसका समाधान क्या है?

 

आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में विवाह में देरी के संभावित कारणों और उसके ज्योतिषीय (Astrological) उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे!

 

 

 

#विवाह में देरी के प्रमुख कारण*

 

#कुंडली दोष (Horoscope Dosha)*

 

कई बार कुंडली में कुछ ग्रह दोष होते हैं जो विवाह में देरी का कारण बनते हैं! इनमें मुख्य हैं:

 

#मांगलिक दोष (Mangal Dosh)*: यदि जन्म कुंडली में मंगल ग्रह 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में स्थित हो, तो मांगलिक दोष बनता है! यह विवाह में विलंब, तनाव या संबंध-विच्छेद का कारण बन सकता है

 

#शनि की दशा/साढ़ेसाती;

शनि की दशा या साढ़ेसाती चल रही हो तो व्यक्ति का विवाह टलता रहता है। शनि ग्रह विलंब का प्रतिनिधि माना जाता है!

 

#राहु-केतु दोष*:

यदि राहु या केतु विवाह भाव (7th house) में हों या शुक्र और गुरु पर प्रभाव डाल रहे हों, तो व्यक्ति को विवाह में बाधा आती है!

 

#सातवें भाव की कमजोर स्थिति (Weak 7th House)*

 

विवाह का भाव कुंडली का सातवां भाव होता है! यदि यह भाव कमजोर हो या इसके स्वामी पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो, तो विवाह में रुकावटें आती हैं!

 

#शुक्र और गुरु की स्थिति*

 

**पुरुषों के लिए शुक्र (Venus) और **महिलाओं के लिए गुरु (Jupiter)** का विवाह में विशेष महत्व होता है! यदि ये ग्रह कमजोर हों या नीच राशि में हों, तो विवाह में अड़चन आती है!

 

#कर्म और संचित कर्मफल*

 

कई बार व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्म भी इस जन्म में विवाह में देरी का कारण बनते हैं! यह ज्योतिषीय दृष्टि से ‘पित्र दोष’, ‘कुल दोष’ या फिर काल सर्प दोष आदि के रूप में सामने आते हैं!

 

#ग्रहों की दशा और गोचर**

 

दशा/अंतर्दशा और गोचर का प्रभाव भी समय पर विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है! जब तक शुभ ग्रहों की दशा नहीं आती, विवाह में अड़चन बनी रह सकती है!

 

#व्यक्तिगत कारण (Non-Astrological Factors)**

 

* करियर या पढ़ाई पर अधिक फोकस

* उच्च अपेक्षाएं

* पारिवारिक समस्याएं

* सामाजिक/धार्मिक सीमाएं

 

 

 

#विवाह में देरी को दूर करने के ज्योतिषीय उपाय;

 

#मांगलिक दोष का समाधान*

 

**मांगलिक व्यक्ति का विवाह अन्य मांगलिक से किया जाए , जिससे दोष का प्रभाव कम हो जाता है!

 

**हनुमान जी की पूजा करें**, मंगलवार को व्रत रखें और सुंदरकांड का पाठ करें!

 

**मंगलवार को लाल वस्त्र, मसूर की दाल, तांबा और लाल चंदन का दान करें!

 

**शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय*

 

* शनिवार को *शनि देव का व्रत रखें* और सरसों के तेल में चेहरा देखकर दान करें!

* काली उड़द, काला कपड़ा, लोहा आदि का दान करें!

* शनि मंदिर में दीपक जलाएं और *”ॐ शं शनैश्चराय नमः”* मंत्र का जाप करें!

 

**राहु-केतु दोष का समाधान**

 

**राहु-केतु शांति पूजा** कराएं।

* प्रत्येक बुधवार को गणेश जी की आराधना करें!

* शनिवार को #सरसों का तेल और नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें!

 

#शुक्र और गुरु को बल देने के उपाय*

 

* शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें और दही-चावल का दान करें।

**”ॐ शुक्राय नमः”** मंत्र का जाप करें!

 

**चमेली के तेल से दीपक जलाएं!

 

#गुरु (Jupiter) के लिए उपाय;

 

* गुरुवार को व्रत रखें और पीले वस्त्र धारण करें!

 

**”ॐ बृं बृहस्पतये नमः”** का जाप करें!

 

* पीली चीजों का दान करें जैसे – चना दाल, हल्दी, केला, पीला कपड़ा!

 

**सातवें भाव को मजबूत करने के उपाय**

 

* कुंडली के अनुसार सातवें भाव के स्वामी ग्रह को मजबूत करें!

 

**गोमती चक्र*, *स्फटिक माला*, या रुद्राक्ष धारण करें !

 

* योग्य पंडित से कुंडली का विश्लेषण कर विशेष अनुष्ठान या ग्रहशांति कराएं!

 

** विशेष शक्तिशाली उपाय: इन उपायों को कोई भी व्यक्ति कर सकता है;

 

* विवाह बाधा निवारण स्तोत्र” का पाठ करें!

* नवरात्रि में कन्याओं को भोजन कराना और वस्त्र देना शुभ माना जाता है!

* प्रत्येक शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा करें!

*शिव-पार्वती की पूजा और *ॐ नमः शिवाय”* का जाप करें!विशेष रूप से सोमवार को!

*अगर रिश्ते बार-बार टूटते हैं, तो #गौरी शंकर रुद्राक्ष”*धारण करें!

* नंदी बैल को हरा चारा खिलाना, विशेषकर सोमवार को, विवाह में शीघ्रता लाता है!

* हर शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और परिक्रमा करें!

 

 

#केले के पेड़ की पूजा**: गुरुवार को व्रत रखें और केले के पेड़ को जल चढ़ाएं।

#हल्दी की गांठें पीले कपड़े में बांधकर मंदिर में चढ़ाएं**।

#सिंदूर और चूड़ियां सुहागिन महिला को दान दें! यह स्त्रियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है

#प्रतिदिन तुलसी के सामने दीपक जलाकर “राधे कृष्ण” का जाप करें!*

 

 

 

 

 

#ध्यान रखने योग्य बातें;

 

* केवल उपाय करने से कुछ नहीं होता, *नियत और कर्म दोनों जरूरी हैं!

अपने विचारों को सकारात्मक रखें और रिश्तों को सम्मान दें! विवाह जीवन की एक यात्रा है , इसे शुरू करने से पहले मानसिक और आत्मिक रूप से तैयार रहें! कुंडली मिलान को केवल एक साधन समझें, अंतिम निर्णय समझदारी और परिपक्वता से लें!

 

 

विवाह में देरी एक सामान्य समस्या है, जिसका कारण न केवल ज्योतिषीय होता है, बल्कि सामाजिक, मानसिक और व्यवहारिक भी हो सकता है! यदि आप बार-बार रुकावटों का सामना कर रहे हैं, तो सबसे पहले धैर्य बनाए रखें! जन्म कुंडली का विश्लेषण किसी योग्य ज्यो

तिषाचार्य से करवाएं! और उचित उपाय अपनाएं!

 

श्रद्धा और विश्वास के साथ किया गया हर प्रयास एक न एक दिन सफल अवश्य होता है!

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