Ketu Gochar: साल 2025 में केतु बदलेंगे चाल, होगा बड़ा राशि परिवर्तन

 

साल 2025 में केतु ग्रह का गोचर 18 मई को कन्या राशि से सिंह राशि में होगा। केतु एक छाया ग्रह है, जो हमेशा वक्री गति से चलता है और लगभग 18 महीने में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। केतु का यह गोचर सभी राशियों पर विभिन्न प्रभाव डालेगा, जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और आध्यात्मिकता को प्रभावित करेगा| आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी केतु गोचर 2025 से संबंधित जानकारी लेकर प्रस्तुत है|

 

*केतु गोचर 2025: सिंह राशि में प्रवेश

18 मई 2025 को केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेगा। सिंह राशि सूर्य की राशि है, और केतु का यहां गोचर आत्मविश्लेषण, आध्यात्मिकता और आंतरिक परिवर्तन को प्रेरित करेगा। यह गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ फलदायी होगा, जबकि कुछ को सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।

 

**मेष राशि (Aries)

केतु का गोचर मेष राशि के पंचम भाव में होगा। यह गोचर संतान, शिक्षा और प्रेम संबंधों को प्रभावित कर सकता है। इस दौरान संतान पक्ष से जुड़ी चिंताएं बढ़ सकती हैं। शिक्षा में एकाग्रता की कमी और प्रेम संबंधों में गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। ध्यान और योग का अभ्यास लाभकारी रहेगा।

**वृषभ राशि (Taurus)

केतु का गोचर वृषभ राशि के चतुर्थ भाव में होगा। यह गोचर पारिवारिक जीवन, माता और संपत्ति से संबंधित मामलों को प्रभावित कर सकता है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और संपत्ति से जुड़े निर्णयों में सावधानी बरतें। घर में शांति बनाए रखने के लिए प्रयास करें।

**मिथुन राशि (Gemini)

केतु का गोचर मिथुन राशि के तृतीय भाव में होगा। यह गोचर साहस, संचार और छोटे भाई-बहनों से संबंधित मामलों को प्रभावित करेगा। इस दौरान आपके साहस में वृद्धि होगी और संचार कौशल में सुधार होगा। भाई-बहनों के साथ संबंध मजबूत होंगे। यात्राओं से लाभ होने की संभावना है।

**कर्क राशि (Cancer)

केतु का गोचर कर्क राशि के द्वितीय भाव में होगा। यह गोचर वाणी, परिवार और धन से संबंधित मामलों को प्रभावित कर सकता है। वाणी में संयम रखें और अनावश्यक विवादों से बचें। धन संबंधित मामलों में सतर्कता बरतें और खर्चों पर नियंत्रण रखें।

** सिंह राशि (Leo)

केतु का गोचर सिंह राशि के प्रथम भाव में होगा। यह गोचर आत्म-विश्लेषण, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व को प्रभावित करेगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और आत्म-विश्लेषण के माध्यम से अपने व्यक्तित्व में सुधार लाएं। आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी।

 

** कन्या राशि (Virgo)

केतु का गोचर कन्या राशि के द्वादश भाव में होगा। यह गोचर व्यय, विदेश यात्रा और आध्यात्मिकता से संबंधित मामलों को प्रभावित करेगा। अनावश्यक खर्चों से बचें और विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। आध्यात्मिकता की ओर झुकाव बढ़ेगा।

 

**तुला राशि (Libra)

केतु का गोचर तुला राशि के एकादश भाव में होगा। यह गोचर आय, लाभ और मित्रों से संबंधित मामलों को प्रभावित करेगा। आय में वृद्धि और मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के नए स्रोत सामने आएंगे।

 

**वृश्चिक राशि (Scorpio)

केतु का गोचर वृश्चिक राशि के दशम भाव में होगा। यह गोचर करियर, प्रतिष्ठा और सामाजिक स्थिति को प्रभावित करेगा। करियर में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। वरिष्ठों का सहयोग प्राप्त होगा।

 

** धनु राशि (Sagittarius)

केतु का गोचर धनु राशि के नवम भाव में होगा। यह गोचर भाग्य, धर्म और उच्च शिक्षा से संबंधित मामलों को प्रभावित करेगा। भाग्य का साथ मिलेगा और धार्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी। उच्च शिक्षा में सफलता प्राप्त होगी।

 

** मकर राशि (Capricorn)

केतु का गोचर मकर राशि के अष्टम भाव में होगा। यह गोचर गूढ़ ज्ञान, रहस्यों और स्वास्थ्य से संबंधित मामलों को प्रभावित करेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें और गूढ़ ज्ञान में रुचि बढ़ेगी। रहस्यमय विषयों की ओर आकर्षण बढ़ेगा।

 

** कुंभ राशि (Aquarius)

केतु का गोचर कुंभ राशि के सप्तम भाव में होगा। यह गोचर वैवाहिक जीवन, साझेदारी और व्यापार से संबंधित मामलों को प्रभावित करेगा। वैवाहिक जीवन में समझदारी और धैर्य से काम लें। साझेदारी में सावधानी बरतें।

** मीन राशि (Pisces)

केतु का गोचर मीन राशि के षष्ठम भाव में होगा। यह गोचर रोग, शत्रु और ऋण से संबंधित मामलों को प्रभावित करेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। ऋण से मुक्ति के योग बनेंगे।

Related posts:

तांबे का कड़ा पहनते ही कैसे चमकता है भाग्य? किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए?

Laal kitaab: शुक्र मजबूत हो तो व्यक्ति बनता हैं धनवान, आजमाएं अनसुने उपाय

दायीं आँख फड़कना: शगुन या अपशगुन?

शुक्र होगा मजबूत ,धन की बरसात करती है शुक्र की महादशा

Chandra dosh: चन्द्र ग्रह खराब होने के लक्षण और उपाय

Rahu ketu Dosh : राहु केतु न दे कही अचानक नुकसान और धोखा? लक्षण पहचाने और जाने अनसुने उपाय!

Shani Jayanti 2025: शनि जयंती 26 को या 27 मई ? शनि जयंती की सही तिथि कब है?

गुरु ग्रह कमजोर होने के लक्षण और अनसुने उपाय

दान ही नहीं स्नान से भी दूर होते है ग्रहों के दोष, जानिए कैसे

राहु केतु से मुक्ति के लिए करे ये चमत्कारी टोटके

Shani Sadesati: शनि की साढ़ेसाती से कैसे बचें?

राहु - केतु के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए आजमाएं ये अनसुने उपाय