Kartik purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा 2025 में कब है? जानिए सही तिथि, पूजा विधि और अनसुने उपाय!

 

 

 

 

हिंदू पंचांग में कार्तिक मास का विशेष महत्व माना गया है। इस मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इसे देव दीवाली भी कहते हैं क्योंकि इस दिन देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है। शास्त्रों में कहा गया है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा का व्रत और पूजन करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन स्नान, दान और दीपदान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

 

आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी कार्तिक पूर्णिमा 2025 से संबंधित जानकारी लेकर प्रस्तुत है, आइए विस्तार से जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा 2025 कब है, इसका महत्व क्या है, पूजा विधि और विशेष उपाय कौन-कौन से बताए गए हैं।

 

**कार्तिक पूर्णिमा 2025 तिथि और मुहूर्त:

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 4 नवंबर 2025, मंगलवार, दोपहर 01:39 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 नवंबर 2025, बुधवार, दोपहर 10:21 बजे

 

👉 इस प्रकार कार्तिक पूर्णिमा का स्नान, दान और व्रत 5 नवंबर 2025 को करना सर्वोत्तम रहेगा।

 

🌟 कार्तिक पूर्णिमा का महत्व:

1. धार्मिक मान्यता:

कार्तिक मास की पूर्णिमा पर भगवान शिव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था।

 

2. देव दीपावली:

कार्तिक पूर्णिमा को काशी नगरी में दीपावली से भी बड़ा उत्सव मनाया जाता है जिसे देव दीपावली कहते हैं। गंगा घाटों पर लाखों दीप जलाकर देवताओं का स्वागत किया जाता है।

 

3. स्नान और दान का महत्व:

इस दिन गंगा स्नान और दीपदान से अनेक जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

 

4. आध्यात्मिक लाभ:

कार्तिक पूर्णिमा के दिन उपवास करने और प्रभु का ध्यान करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

 

🪔 कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि:

 

कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और पूजन विधिवत करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। पूजा की विधि इस प्रकार है:

1. प्रातःकाल स्नान:

प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर गंगाजल मिले जल से स्नान करें।

यदि संभव हो तो गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।

 

2. दीपदान:

स्नान के बाद घर के मंदिर और तुलसी चौरे में दीप जलाएं।

रात को घर की छत, आंगन और दरवाजों पर दीप जलाना अत्यंत शुभ है।

 

3. व्रत और उपवास

 

इस दिन पूर्णिमा व्रत करें और पूरे दिन फलाहार या निराहार रहें।

व्रत के दौरान भगवान विष्णु का ध्यान करें और ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का जप करें।

 

4. भगवान विष्णु और शिव पूजन:

भगवान विष्णु को पंजीरी, तुलसी दल, पीले पुष्प और दीप अर्पित करें।

भगवान शिव को गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा और दीप अर्पित करें।

 

5. पाठ और भजन:

इस दिन विष्णु सहस्रनाम, गीता पाठ या कार्तिक माह की कथा सुनना और सुनाना श्रेष्ठ है।भजन-कीर्तन और संकीर्तन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

 

6. दान-पुण्य:

जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, तेल, दीपक और तिल दान करना शुभ है। गौ, ब्राह्मण और गरीबों को भोजन कराना भी अत्यंत पुण्यकारी है।

 

#कार्तिक पूर्णिमा के विशेष उपाय:

कार्तिक पूर्णिमा केवल पूजा और व्रत का पर्व नहीं है, बल्कि इस दिन किए गए कुछ खास उपाय जीवन की कठिनाइयों को दूर कर देते हैं।

 

1. धन प्राप्ति के लिए उपाय

कार्तिक पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए 11 दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जप करें। इससे घर में स्थायी लक्ष्मी का वास होता है।

 

2. स्वास्थ्य लाभ हेतु उपाय:

 

इस दिन शिवलिंग पर शहद और गंगाजल अर्पित करें तथा “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें। इससे रोग और पीड़ा समाप्त होती है।

 

3. वैवाहिक सुख के लिए उपाय:

 

यदि दांपत्य जीवन में समस्या है तो इस दिन विष्णु-लक्ष्मी की प्रतिमा को पुष्प, धूप, दीप और मिष्ठान्न से पूजें। इसके बाद सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार सामग्री दान करें।

 

4. शांति और समृद्धि के लिए उपाय:

 

रात को घर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर घी के दीपक जलाएं और वहीं बैठकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

 

5. पितृ दोष निवारण के लिए उपाय:

 

कार्तिक पूर्णिमा को गंगा या किसी पवित्र जल में दीपदान करें और पितरों का स्मरण करें। इससे पितृ दोष दूर होता है और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।

 

#कार्तिक पूर्णिमा और ज्योतिषीय महत्व:

 

यह तिथि चंद्रमा की पूर्ण कलाओं से युक्त होती है, इसलिए इसका महत्व अत्यधिक है।इस दिन सूर्य और चंद्रमा की स्थिति जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए दान और पूजा के फल कई गुना बढ़ जाते हैं।

 

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व देवताओं का प्रिय दिन है। इस दिन स्नान, दान, दीपदान, व्रत और पूजन से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है। कार्तिक पूर्णिमा

2025, 5 नवंबर (बुधवार) को मनाई जाएगी। इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत और उपाय करने से घर-परिवार में खुशहाली और उन्नति आती है।

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