ग्रहों का वक्री होना कैसे पहचानें? वक्री ग्रहों का कैसे होता हैं सीधा आप पर असर?
ज्योतिष शास्त्र में जब कोई ग्रह सामान्य गति से उलटी दिशा में यानी retrograde हो जाता है, तो उसे वक्री ग्रह कहा जाता है। वक्री ग्रहों का प्रभाव बहुत गहरा और विशेष माना जाता है! इन्हें समझना जरूरी है क्योंकि इनका असर व्यक्ति के स्वभाव, निर्णय, करियर, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर सीधा पड़ता है! आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में वक्री ग्रहों का क्या होता हैं सीधा हमारे जीवन पर असर से संबंधित जानकारी और उपाय लेकर प्रस्तुत है!
🌑 वक्री ग्रह क्या होते हैं?
जब कोई ग्रह पृथ्वी से देखने पर उलटी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है, तो उसे वक्री (Retrograde) कहा जाता है! वास्तव में वह उलटी दिशा में नहीं चलता, यह केवल पृथ्वी की गति और स्थिति के कारण एक दृष्टि भ्रम (optical illusion) होता है! और इसी स्थिति के कारण व्यक्ति भ्रमित होता हैं और परेशानियों का सामना करना पड़ता है! सभी गृह वक्री नहीं होते, आगे जानेंगे कि कौन से गृह वक्री होते हैं और कैसे सीधा आप पर असर डालते हैं!
🌟 वक्री ग्रह कौन-कौन से होते हैं?
सभी ग्रह वक्री हो सकते हैं, लेकिन ज्योतिष में विशेष रूप से निम्न ग्रहों के वक्री होने को महत्वपूर्ण माना जाता है:
ग्रह- – – वक्री होने की अवधि
*बुध (Mercury) वर्ष में 3-4 बार
*शुक्र (Venus) लगभग 18 महीने में एक बार
*मंगल (Mars) हर 2 साल में एक बार
*गुरु (Jupiter) हर साल लगभग 4 महीने
*शनि (Saturn) हर साल लगभग 4.5 महीने
राहु-केतु हमेशा वक्री माने जाते हैं
🔍 वक्री ग्रह को कैसे पहचाने? (How to Identify Vakri Grah) लक्षणों से पहचान:
यदि कुंडली नहीं है, तो वक्री ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कुछ लक्षण नजर आते हैं:
#बुध वक्री:
विचारों में भ्रम
संचार में गड़बड़ी
निर्णय लेने में कठिनाई
टेक्नोलॉजी या यात्रा से संबंधित रुकावटें
#शुक्र वक्री:
प्रेम संबंधों में उलझन
पुराने संबंध फिर से उभरना
सुंदरता और विलासिता से मोह
#मंगल वक्री:
क्रोध में वृद्धि
ऊर्जा में असंतुलन
एक्शन में देरी या बाधा
#गुरु वक्री:
धार्मिक सोच में बदलाव
शिक्षण और ज्ञान की नई दिशा
पूर्व कर्मों के फल प्रकट होना
#शनि वक्री:
कर्मों का कठोर फल
मेहनत का विलंबित परिणाम
जीवन में पुराने सबक दोहराना
🧠 वक्री ग्रह का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
*Self-introspection (आत्मविश्लेषण) की स्थिति बनती है!
*निर्णय में संशय रहता है!
*व्यक्ति अतीत की बातों में उलझा रहता है!
*पुरानी समस्याएं या लोग फिर सामने आते हैं!
#वक्री ग्रह के उपाय;
ग्रह – उपाय
*बुध- हरे वस्त्र पहनें, गणेश जी की पूजा करें
*शुक्र- शुक्रवार को व्रत रखें, लक्ष्मी जी को चांदी अर्पित करें
*मंगल-हनुमान जी का पूजन करें, लाल वस्त्र दान करें
*गुरु- गुरुवार का व्रत रखें, पीली चीजों का दान करें
शनि-शनिवार को तेल दान करें, शनि स्तोत्र पढ़ें
**वक्री ग्रह के दौरान क्या करें और क्या न करें?
– क्या करें:
पुराने कामों की समीक्षा करें!
– आत्ममंथन करें!
– धैर्य और संयम से काम लें!
– क्या न करें:
– नए काम की शुरुआत न करें।
– जल्दबाजी में निर्णय न लें।
– रिश्तों में जल्द प्रतिक्रिया न दें।
वक्री ग्रह जीवन में ठहराव और सोच में गहराई लाते हैं! ये ग्रह बाहरी दुनिया से ध्यान हटाकर आत्मा और मन के
भीतर झांकने का अवसर देते हैं! यदि वक्री ग्रह को सही रूप से समझा और साधा जाए, तो यह आत्म-विकास का अद्भुत जरिया बन सकता है!