नवग्रह की पूजा से कैसे मिलती हैं हर काम में सफलता! कुंडली के बड़े बड़े दोष होते है शांत! जानिए कैसे!

 

 

भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) को हमारे जीवन के शुभ-अशुभ फलों के मूल आधार माना गया है! ऐसा माना जाता है कि यदि नवग्रह प्रसन्न हों, तो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र – चाहे वह करियर हो, स्वास्थ्य हो, विवाह हो, संतान सुख हो या धन – सभी में सफलता प्राप्त होती है! नवग्रहों की पूजा न केवल अशुभ ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करती है, बल्कि शुभ ग्रहों की शक्ति को भी कई गुना बढ़ा देती है!

 

आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं कि नवग्रह पूजा से कैसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है, किस ग्रह की पूजा किस उद्देश्य से करनी चाहिए और इसके वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक लाभ क्या हैं! और साथ ही कुंडली के दोष शांत होना शुरू हो जाते हैं!

 

#नवग्रह कौन-कौन से हैं?

 

1. #सूर्य (Sun) – आत्मा, पिता, शासन, स्वास्थ्य और आत्मबल का कारक

 

2. #चंद्र (Moon) – मन, माता, भावनाएं और मानसिक स्थिति

 

3. #मंगल (Mars) – ऊर्जा, साहस, भूमि, भाई और युद्ध

 

4. #बुध (Mercury) – बुद्धि, वाणी, गणित, व्यापार

 

5. #गुरु (Jupiter) – ज्ञान, संतान, धर्म, गुरू, धन

 

6. #शुक्र (Venus) – भोग-विलास, प्रेम, कला, विवाह

 

7. #शनि (Saturn) – कर्म, न्याय, श्रम, अनुशासन

 

8. #राहु (Rahu) – भौतिक सुख, छल-कपट, भ्रम

 

9. #केतु (Ketu) – मोक्ष, रहस्य, ध्यान, त्याग

 

#नवग्रह पूजा से कैसे मिलती है सफलता?

 

1. ग्रहों की स्थिति सुधारना

 

जन्म कुंडली में यदि कोई ग्रह अशुभ भाव में या नीच का है, तो वह जीवन में बाधाएं देता है! नवग्रहों की पूजा से वह ग्रह शुद्ध और संतुलित होता है, जिससे उसकी हानिकारक ऊर्जा घटती है और शुभ फल मिलने लगते हैं!

 

2. जीवन की दिशा स्पष्ट होती है;

 

ग्रह मन और बुद्धि को प्रभावित करते हैं! पूजा से ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे निर्णय क्षमता बढ़ती है और सही दिशा में आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है!

 

3. कार्यों में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं;

 

यदि कोई कार्य बार-बार अटक रहा हो, तो समझ लीजिए कि किसी ग्रह की स्थिति अनुकूल नहीं है। नवग्रह पूजा से ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है और रुके हुए कार्य बनने लगते हैं!

 

4. आत्मबल और मनोबल में वृद्धि होती है;

 

विशेष रूप से सूर्य, चंद्र और गुरु की पूजा से आत्मबल, आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति हर परिस्थिति में डटा रहता है!

 

5. स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि

 

शनि, राहु, केतु के दुष्प्रभाव से बीमारी और दुर्भाग्य बढ़ता है। इनकी नियमित शांति और पूजा से शरीर और जीवन दोनों में ऊर्जा व संतुलन आता है!

 

**किस ग्रह की पूजा किस उद्देश्य से करें?

 

*सूर्य सरकारी कार्य में सफलता, आत्मबल

मंत्र ॐ घृणि सूर्याय नमः

 

*चंद्र मानसिक शांति, माता का सुख

मंत्र ॐ चन्द्राय नमः

 

*मंगल साहस, भूमि-संपत्ति, विवाह

मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

 

*बुध व्यापार, बुद्धि, शिक्षा

मंत्र ॐ बुं बुधाय नमः

 

*गुरु संतान, ज्ञान, धन

मंत्र ॐ बृं बृहस्पतये नमः

 

*शुक्र विवाह, प्रेम, कला

मंत्र ॐ शुं शुक्राय नमः

 

*शनि नौकरी, स्थिरता, कर्म

मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः

 

*राहु विदेश यात्रा, राजनीति

मंत्र ॐ रां राहवे नमः

 

*केतु मोक्ष, ध्यान, रहस्य

मंत्र ॐ कें केतवे नमः

 

#नवग्रह पूजा कैसे करें?

 

*शुभ दिन का चयन

 

नवग्रह पूजा रविवार, शनिवार या अमावस्या को करना श्रेष्ठ माना गया है!

 

ग्रहों के नक्षत्र वाले दिन अधिक प्रभावशाली होते हैं!

 

 

* पूजा विधि

 

प्रातः स्नान करके साफ वस्त्र पहनें! नवग्रह यंत्र, तांबे के कलश और तिल, फूल, जल, धूप-दीप से पूजा करें!

एक-एक करके हर ग्रह को अलग मंत्रों से आह्वान करें।

 

*तिल, गुड़, चावल, पुष्प अर्पित करें!

 

अंत में नवग्रह स्तोत्र या नवग्रह कवच का पाठ करें!

 

3. दान व उपाय

 

*हर ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें – जैसे शनि के लिए काले तिल, राहु के लिए नीले फूल, गुरु के लिए पीला वस्त्र!

 

*शांति हेतु रत्न धारण या होम भी किया जा सकता है !

 

*नवग्रह पूजा से जुड़ी कुछ सावधानियाँ

 

*ग्रहों की पूजा बिना कुंडली जांचे न करें – हो सकता है किसी ग्रह की शक्ति और बढ़ाने से हानि हो।

 

*मंत्रों का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट हो।

 

*किसी भी पूजा में श्रद्धा और संकल्प सबसे आवश्यक हैं!

 

नवग्रह पूजा के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ;

 

1. मनोवैज्ञानिक लाभ

 

पूजा से ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है। यह मन को स्थिर करता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।

 

2. ऊर्जा संतुलन

 

हर ग्रह एक विशेष ऊर्जा केंद्र का प्रतीक है (जैसे सूर्य – मणिपुर चक्र)! पूजा से हमारे चक्र सक्रिय होते हैं और ऊर्जा शरीर संतुलित होता है!

 

3. सकारात्मक सोच और जीवनशैली

 

नियमित नवग्रह पूजा करने से जीवन में अनुशासन, भक्ति और सकारात्मकता आती है, जिससे व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों का सामना दृढ़ता से कर सकता है!

 

नवग्रह स्तोत्र का महत्व;

 

नवग्रह स्तोत्र, जिसे “नवग्रह शांति स्तोत्र” भी कहते हैं, अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। इसका नियमित पाठ करने से समस्त ग्रहों की शांति होती है और जीवन में बाधाएं दूर होती हैं!

 

नवग्रहों की पूजा केवल एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का एक वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय मार्ग है। यह पूजा यदि सच्चे भाव और विधिवत की जाए, तो निश्चित ही व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक हर स्तर पर ऊँचाई पर ले जाती है

!

यदि आप जीवन में अड़चनों का सामना कर रहे हैं, तो नवग्रहों की कृपा पाने हेतु नियमित पूजा आरंभ करें आपका जीवन अवश्य ही नई दिशा पाएगा!

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