रक्षा बन्धन 2025 में कब है? जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त
भारत त्योहारों की भूमि है, और रक्षाबंधन उनमें से एक प्रमुख पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती और श्रद्धा से जोड़ता है। यह पर्व न केवल एक पारंपरिक त्योहार है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इसका गहरा महत्व है। रक्षाबंधन 2025 में कब है, क्या है शुभ मुहूर्त, और इस दिन के पीछे की धार्मिक मान्यताएं क्या हैं | आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में रक्षा बन्धन 2025 में कब है? शुभ मुहूर्त कौन सा होगा? इन सभी विषयों को इस लेख में विस्तार से समझाया गया है!
**रक्षाबंधन 2025 में कब है?
*तारीख : शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 के दिन होगा!
*पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 8 अगस्त को प्रातः 02:05 बजे
**पूर्णिमा तिथि समाप्त : 9 अगस्त को प्रातः 03:00 बजे
**रक्षाबंधन 2025 का शुभ मुहूर्त |
**राखी बांधने का शुभ समय :
*8 अगस्त 2025 को दोपहर 01:35 बजे से शाम 04:50 बजे तक रहेगा|
*अवधि रहेगी : लगभग 3 घंटे 15 मिनट
**भद्रा काल**: इस दिन भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा, इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा।
रक्षाबंधन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जब चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप में होता है और चंद्र की स्थिति कुंभ राशि में होती है। इस दिन चंद्रमा और सूर्य दोनों ही शुभ भाव में होते हैं जिससे मन की स्थिरता, संयम और सौहार्द में वृद्धि होती है।
**कुंभ राशि का प्रभाव : यह राशि बंधन, सहयोग और समाज से जुड़ी होती है। अतः इस दिन भाई-बहन का बंधन और अधिक मजबूत होता है।
**नक्षत्र स्थिति**:
2025 में रक्षाबंधन के दिन शतभिषा नक्षत्र का योग रहेगा, जो चिकित्सा, रक्षा और कल्याण का प्रतीक है। इस नक्षत्र में राखी बांधने से भाई की आयु, स्वास्थ्य और सुरक्षा में वृद्धि होती है।
**भाई-बहन के रिश्ते में रक्षाबंधन का महत्व**
रक्षाबंधन भाई-बहन के स्नेह का पर्व है, जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र, सफलता व सुरक्षा की कामना करती है। बदले में भाई जीवनभर बहन की रक्षा का संकल्प लेता है।
इस दिन किया गया संकल्प और प्रार्थना अत्यंत फलदायी मानी जाती है, विशेष रूप से जब उसे शुभ मुहूर्त और शुभ नक्षत्र में किया जाए।
**धार्मिक कथाएँ और पौराणिक प्रसंग**
** इंद्र-शचि कथा:
जब इंद्रदेव असुरों से युद्ध कर रहे थे, तब उनकी पत्नी शचि ने रक्षा सूत्र बांधा था। इसके प्रभाव से इंद्र की विजय हुई।
** श्रीकृष्ण और द्रौपदी,
महाभारत में द्रौपदी ने कृष्ण के हाथ से खून निकलते देख, अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनके हाथ पर बांधा था। उसी के बदले कृष्ण ने चीरहरण में द्रौपदी की लाज बचाई।
** यम और यमुनाजी,
यमराज ने यमुनाजी से रक्षा सूत्र बंधवाया और वचन दिया कि जो बहन यह सूत्र बांधेगी, उसके भाई की उम्र लंबी होगी।
**रक्षाबंधन पर क्या करें और क्या न करें !
**क्या करें**
सुबह स्नान कर पवित्र होकर पूजा करे,भाई को तिलक लगाएं, मिठाई खिलाएं और राखी बांधे, रक्षा सूत्र बांधते समय मंत्र पढ़ें, भाई बहन को उपहार दे और वचन दे
**क्या न करें**:
* भद्रा काल में राखी न बांधें ,अपशब्द, कटु वचन या झगड़े से बचे, खाली हाथ राखी न बांधें , मिठाई या फल जरूर रखें!
**रक्षाबंधन और ग्रहों का प्रभाव**
पूर्णिमा के कारण चंद्रमा का बल अधिक होता है, जिससे मानसिक स्थिरता मिलती है। यदि शनि शुभ भाव में हो, तो भाई-बहन के रिश्ते और मजबूत होते हैं।भाई की रक्षा में मंगल ग्रह की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
2025 में ग्रहों की स्थिति भाई-बहन के लिए अनुकूल है, विशेषकर चंद्रमा और गुरु के शुभ योग इस दिन को अत्यंत पवित्र बनाते हैं।
आजकल रक्षाबंधन का स्वरूप बदल गया है। लोग सोशल मीडिया, ऑनलाइन राखी, वर्चुअल गिफ्ट्स आदि के माध्यम से भी यह पर्व मनाने लगे हैं। हालांकि, इसका मूल उद्देश्य प्रेम, स्नेह और रक्षा आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
रक्षाबंधन 2025 एक शुभ और पावन अवसर है जो शुक्रवार, 8 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन न केवल भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और कर्तव्य को दर्शाते हैं, बल्कि ज्योतिष के अनुसार यह दिन मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी विशेष होता है। शुभ मुहूर्त में राखी बांधकर जीवन में प्रेम, सौहार्द और सुरक्षा की कामना करें।